वी कुमार/मंडी
सीएम जयराम ठाकुर ने अपने कैबिनेट सहयोगी अनिल शर्मा के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। अपने गृह क्षेत्र सराज के दौरे के दौरान उन्हें दूरभाष पर मंत्री अनिल शर्मा के इस्तीफे की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने इस पर पार्टी हाईकमान के साथ दूरभाष पर बात की। पार्टी हाईकमान से हरी झंडी मिलते ही सीएम जयराम ठाकुर ने अपने कैबिनेट सहयोगी अनिल शर्मा के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। इसके बाद मीडिया कर्मियों से बात करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि अनिल शर्मा को पहले ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए थाए क्योंकि मंत्री रहते उन्होंने सीएम के बारे में जिस प्रकार की टिप्पणीयां की वह किसी भी लिहाज से उचित नहीं थी। जयराम ठाकुर ने कहा कि ष्ष्मैं सहर्ष इस्तीफे को स्वीकार करता हूं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि अनिल शर्मा पर्दे के पीछे अपने बेटे के लिए काम कर रहे थे। जो लोग उनके परिवार के साथ जुड़े थे और अब भाजपा में शामिल हो चुके हैंए उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी के लिए काम करने के लिए कहा जा रहा था। इन सब बातों की जानकारी उन्हें मिल रही थी और वह इस पर पूरी नजर बनाए हुए थे। जयराम ठाकुर ने कहा कि अनिल शर्मा ने यह कहा था कि वह किसी के लिए काम नहीं करेंगेए लेकिन वह अपनी ईमानदारी नहीं निभा सके और जो भी परिस्थितियां आज निर्मित हुई हैं यह उन्हीं की देन है। जयराम ठाकुर वह किसी भी सूरत में यह बर्दाशत नहीं कर सकते थे कि उनका कैबिनेट सहयोगी कांग्रेस के लिए काम करे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि अनिल शर्मा ने भाजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा और जीता है। कायदे से वह भाजपा के विधायक हैं और यह भविष्य में तय होगा कि संगठन इस पर क्या निर्णय लेता है। उन्होंने कहा कि एक भाजपा विधायक होने के नाते वह कांग्रेस के लिए काम नहीं कर सकते क्योंकि दलबदलू कानून के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता। यदि अनिल शर्मा ऐसा करते हैं तो उन्हें अपनी विधायकी से हाथ धोना पड़ेगा।