एमबीएम न्यूज़/नाहन
शिमला संसदीय क्षेत्र पर भारतीय जनता पार्टी ने सिरमौर के ट्रांसगिरि क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने का फिर राग अलापना शुरू कर दिया है। 4 मई 2014 को लोकसभा चुनाव की महान में आयोजित रैली में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा था कि एनडीए के सत्ता में आने पर ट्रांस गिरी को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिया जाएगा। अब 5 साल बाद फिर भाजपा ने इस मुद्दे को भुनाना शुरू कर दिया है।
दरअसल शिमला संसदीय क्षेत्र पर सिरमौर के पांच विधानसभा क्षेत्रों के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाएंगे। श्री रेणुका जी व शिलाई हलकों का पूरा हिस्सा ट्रांसगिरि में आता है, जबकि पच्छाद का 50 फ़ीसदी हिस्सा ट्रांसगिरि में है। इसके अलावा पांवटा विधानसभा क्षेत्र में भी ट्रांसगिरि के मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं। पार्टी प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने सोमवार को रेणुका विधानसभा क्षेत्र के ददाहू में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिलवाना उनकी प्राथमिकता में है।
पहली बार बीजेपी ने सिरमौर से प्रत्याशी दिया है। अब सवाल यह भी उठता है कि क्या ट्रांसगिरि के मतदाता फिर भाजपा पर विश्वास करेंगे या नहीं। उधर जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो कांग्रेस भी खुद को ट्रांसगिरि के मसले पर हितेषी बताती आ रही है। उल्लेखनीय है कि 4 मई 2014 को चौगान की रैली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा कई दिग्गज नेता भी मौजूद थे। दो बार सांसद रहे वीरेंद्र कश्यप का टिकट काट दिया गया। कश्यप बार-बार कहते रहे की ट्रांसगिरि के मामले को लेकर वह केंद्रीय नेतृत्व से बार-बार आग्रह करते रहे हैं।
इस वक्त जयराम सरकार में ट्रांसगिरि के 2 बड़े नेताओं बलदेव भंडारी व बलदेव तोमर को अहम ओहदे देकर नवाजा गया है। इसके इलावा राजगढ़ के चंद्रमोहन ठाकुर भी संगठन में अहम भूमिका निभा रहे हैं। देखना यह भी होगा कि भाजपा के तीन शीर्ष नेता अब मतदाताओं को कैसे रिझाएं।