नाहन (एमबीएम न्यूज ब्यूरो) : पांवटा साहिब के जगतपुर में स्थित इंडियन टैक्नोमैक प्राईवेट लिमिटेड से 2100 करोड़ रुपए के जुर्माने की वसूली को लेकर आबकारी व कराधान विभाग ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अब इस इकाई के परिसर की पहरेदारी की जिम्मेदारी को जल्द ही होमगार्ड की टुकड़ी के हवाले किया जाएगा। बेहतर होता कि इस तरह की कार्रवाई एक साल पहले कर ली गई होती। अगर परिसर की पहरेदारी होती तो शायद चंद करोड़ ओर रिकवर हो सकते थे।
उधर विभाग ने चल व अचल संपत्ति की कार्रवाई शुरू करने की भी तैयारी कर ली है। डीसी बीसी बडालिया की मौजूदगी में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में एईटीसी विनोद कश्यप ने कई खुलासे किए हैं। अहम बात यह सामने आई कि जुर्माना 2100 करोड़ का है, लेकिन कंपनी की चल व अचल संपत्ति की कीमत 32 करोड़ भी नहीं है। ऐसे में 2100 करोड़ रुपए की रिकवरी कैसे होगी, यह बात विभाग की समझ से खुद परे है। करीब डेढ़ सौ बीघा भूमि की कीमत 30 करोड़ के आसपास आंकी गई है। जबकि कंपनी के वाहनों की कीमत जिनकी कुडकी की जाएगी, की कीमत मात्र दो करोड़ रुपए है।
इसके अलावा स्क्रैप की कीमत 36 लाख रुपए आंकी गई है। यह सवाल शुरू से ही उठता रहा है कि कंपनी के तमाम संपत्तियों को बेचने के बावजूद भी 2100 करोड़ रुपए की रिकवरी असंभव है। सवाल यह भी उठता रहा है कि अब तक आपराधिक मामला क्यों दर्ज नहीं हो पाया। इस पत्रकारवार्ता में लोक निर्माण विभाग के मुख्य संसदीय सचिव विनय कुमार भी मौजूद रहे।
हिमाचलियों को प्राथमिकता
एईटीसी विनोद कश्यप के मुताबिक फैक्टरी की नीलाम की जा रही जमीनों को हिमाचलियों को ही बेचा जाएगा। इस बारे सरकार ने निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पडऩे पर प्लॉट बनाकर जमीनों को बेचा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विचार को सरकार के समक्ष रखा जा सकता है कि इस भूमि को बेचने की बजाए अगर सरकार ही बुक वैल्यू पर इस भूमि को खरीद ले तो बाद में इसी भूमि पर कोई अन्य प्रोजैक्ट लगाया जा सकता है।