शिमला (एमबीएम न्यूज) : हिमाचल प्रदेश में अब नवजात शिशुओं को सुईयों (इंजेक्शन) की कम दर्द सहनी पड़ेगी। दरअसल अब फाइव-इन-वन वैक्सीन लांच हो गई है। पहले बच्चों को छठे, दसवें व 14वें सप्ताह में डीपीटी, हैपेटाइटस-बी व निमोनिया के इंजेक्शन दाईं व बाईं बाजू पर लगते थे। अब इन तीन इंजेक्शनों जिसमें शिशुओं का पांच बीमारियों से बचाव किया जाता है, के स्थान पर केवल एक ही ‘पेंटावेलेंट’ इजेक्शन लगेगा।
छह सप्ताह तक शिशुओं को पहले की तरह ही तीन इंजेक्शन लगेंगे। इस योजना के शुरू होने से शिशुओं को लगने वाले टीकों की संख्या 9 से घटकर तीन हो जाएगी। लिहाजा मासूम शिशुओं को दर्द भी कम होगी। हालांकि मध्यम वर्ग के लोग इस पेंटावेलेंट का इस्तेमाल पहले से कर रहे हैं, लेकिन आम लोग अपने शिशुओं के लिए इसका इस्तेमाल नहीं कर पाते थे क्योंकि बाजार में इसकी कीमत 500 रुपए से 600 रुपए तक है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इस योजना को 15 जुलाई को शिमला में लांच कर दिया था, लेकिन योजना पूरी तरह से एक अगस्त से ही लांच होगी क्योंकि इससे पहले डॉक्टरों व कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी किया जाना है।
‘पेंटावेलेंट’ इंजेक्शन पूरी तरह से निशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। तमाम मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को 15 जुलाई की बैठक में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए थे। तमाम स्वास्थ्य केंद्रों में इस इंजेक्शन की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा रहा है।
-डॉ. डीएस गुरंग, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग