एमबीएम न्यूज/नाहन
संगडाह विकास खंड के सियूं पंचायत के लगनू गांव का रहने वाला दिव्यांग वीरेन्द्र ने एथलेटिक्स प्रतियोगिता में सिरमौर का नाम रोशन किया है। दिल्ली में विगत 10 से 14 दिसबंर तक चली राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में सिरमौर के इस सूरमा ने 800 मीटर, 1500 मीटर व 5000 मीटर की दौड़ में तीन रजत पदक हासिल कर हिमाचल के साथ जिला सिरमौर का नाम रोशन किया है। बता दे कि इस प्रतियोगिता में देश के दृष्टिबाधित खिलाडि़यों ने भाग लिया, जिसमें वीरेन्द्र ने भी भाग लिया। वीरेन्द्र को बचपन से एक आंख से नहीं दिखता है। सिरमौर के बेटे की जीत से उसके गृह क्षेत्र में खुशी का महौल है।
बचपन में सामान्य बच्चों के साथ दौड़ता था वीरेन्द्र….
वीरेन्द्र सिंह को बचपन से ही खेलकूद का शौक था, जो बड़ा होकर भी कम न हुआ। वीरेन्द्र ने बताया कि बचपन में वह सामान्य बच्चों की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेता था। इस दौरान उसने कई मैडल जीते। उसके पश्चात पैरा र्स्पोटस ऐसोसिएशन द्वारा आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में वीरेन्द्र ने भाग लिया। वीरेन्द्र ने बताया कि उसने इसी साल चंडीगढ में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था। हाल ही में धर्मशाला में हुई प्रतियोगिता में वीरेन्द्र ने 400 मीटर में गोल्ड, 200 मीटर में गोल्ड व 100 मीटर में सिल्वर मैडल जीता।
आर्दश हैं माता पिता….
वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि मैने स्वयं ही सब सीखा है मेरे आर्दश मेरे माता -पिता हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर ही आज तक मैंने हर दौड़ में भाग लिया है। वीरेन्द्र ने बताया कि उसके पिता रणदीप सिंह व माता निर्मला उसके प्रेरणास्त्रोत है जिन्होंने बचपन से उन्हें प्यार व हौंसला दिया। वीरेन्द्र का भाई चन्द्रपाल आर्मी में है, जबकि बहन पोलटेक्निक कर टैस्ट की तैयारी कर रही है। वीरेन्द्र स्वयं लगनू में आयुर्वेदिक फार्मेसी में फार्मासिस्ट तैनात है।
हिमाचल सरकार खिलाडियों को दे ईनाम राशि…..
वीरेन्द्र सिंह ने एमबीएम न्यूज से बातचीत में कहा कि हिमाचल में प्रतिभा की कमी नहीं है। लेकिन खिलाडि़यों को प्रदेश में रही सरकारों से कभी ईनाम राशि नहीं मिली है, जैसी कि अन्य राज्यों में मिलती है। वीरेन्द्र सिंह ने कहा खिलाड़ी राशि के भूखे नहीं है। अगर उन्हें ईनाम राशि मिले तो इससे उनका मनोबल व उत्साह बढ़ेगा ।