वी कुमार/मंडी
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने देवभूमि की धरती पर भी आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। पड्डल मैदान में पन्ना प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान में चीन के दूतावास पर हमला होता है तो वहां के प्रधानमंत्री केवल खेद व्यक्त करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनको समझ लेना चाहिए कि उन्हीं की धरती से आतंकवाद शुरू होता है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान एक भी गोली चलाता है तो यहां से गोलियों की गिनती नहीं होनी चाहिए, लेकिन हम पहल नहीं करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर पाकिस्तान आंतकवाद को खत्म करे तो हर तरह की दोस्ती हो सकती है। राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले चार दिनों में भारत के सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में 18 आतंकियों का सफाया किया है। उन्होंने कहा कि पहले देश के 90 जिलों में नक्सलवाद फैला हुआ था, लेकिन अब 8 जिलों तक सिमट गया है। उन्होंने कहा कि अगले तीन-चार सालों में नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अच्छा इंसान कुशल राजनीतिज्ञ बन सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वो इस मुकाम पर लंबे संघर्ष के बाद पहुंचे हैं। पार्टी के लिए घर-घर जाकर पर्चियां भी बांटी। पहली बार भाजयुमो के जिला अध्यक्ष बने थे। उन्होंने कहा कि आज भी ऐसे कार्यकर्ता हैं जिन्होंने पूरा जीवन पार्टी को समर्पित किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे कार्यकर्ताओं का पार्टी पूरा आदर व सम्मान करती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंडाल में मौजूद कोई भी पन्ना प्रमुख भावी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री हो सकता है, लेकिन इसके लिए ईमानदारी व विश्वसनीयता कायम रखनी होगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे विष्व में भारत की साख बढ़ी है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बैंकों का लाभ सीधे आम नागरिक तक पहुंचाने में किया है, जो आज तक कोई नहीं कर सका। राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस जाति व गौत्र की राजनीति कर रही है, जो बेहद शर्मनाक व निराशाजनक है। मंडी के सांसद राम स्वरूप् शर्मा की तारीफ करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में वो जीतते हैं तो जीत का सेहरा पन्ना प्रमुखों के सिर ही बंधेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता लंबे भाषण देने की बजाय जनता के बीच जाकर विश्वास कायम करे। इस मौके पर सूबे के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित कई मंत्री भी मौजूद रहे।