एमबीएम न्यूज/नाहन
भारतीय सेना में फर्स्ट पैरा के कमांडोज को जांबाजी के लिए पहचाना जाता है। देश भर में पराक्रम दिवस मनाया जा रहा है। शायद कम लोग जानते होंगे कि इस सर्जिकल स्ट्राइक के कमांडोज भी नाहन के स्पेशल फोर्सिज ट्रेनिंग स्कूल ने तैयार किए थे। एक अरसे तक फर्स्ट बटालियन (द पैराशूट रेजीमेंट) में नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया नाहन में ही तैनात रहे। हाल ही में तबादला हुआ है।
शहर के दामाद ने हालांकि पहले भी कई मर्तबा जांबाजी दिखाई होगी, लेकिन इस बार उनकी जांबाजी फस्र्ट पैरा के इतिहास में अंकित हुई है। बात 4 दिसंबर 2017 की है। सीमा पार से आतंकवादी लॉचिंग पैड पर घुसपैठ करने के लिए पहुंच चुके थे। खुफिया व टारगेट की जानकारी हासिल करने के बाद मेजर कृष्ण सिंह रावत के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी ने आतंकी गतिविधियों को अवरोधन करना शुरू कर दिया। नायब सूबेदार दहिया की तैनाती असाधारण व मुश्किल क्षेत्र में थी। अन्य जवानों के साथ दहिया लगभग 100 मीटर तक रेंगते हुए आगे बढ़े। इसी जगह पर आतंकियों ने छिपने का ठिकाना बनाया हुआ था। दृढ़ संकल्प व सतर्कता से नायब सूबेदार दहिया ने करीब 36 घंटे तक निगरानी की।
इसी दौरान पांच आतंकियों की मूवमेंट को देखा। बहादुरी का परिचय देते हुए दहिया ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। अदम्य साहस व बहादुरी के साथ-साथ कनिष्ठ लीडरशिप के लिए उदाहरण पेश करने पर नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया को शौर्य चक्र से नवाजा गया। साल 2018 में भारत सरकार ने 14 जांबाजो को शौर्य चक्र प्रदान किया। इसी में नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया भी शामिल थे।
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