एमबीएम न्यूज/शिमला
शिमला शहर में हुए युग के अपहरण व बर्बरतापूर्ण हत्याकांड के तीन दोषियों को जिला व सत्र न्यायाधीश विरेंद्र सिंह की अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। साल 2014 में 4 वर्षीय एक बच्चे (युग) की अपराधियों ने जघन्य तरीके से हत्या कर दी थी। आरोपियों ने फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण कर कई दिन एक कमरे में कैद करके रखा। पकड़े जाने के डर से उसे बांध कर शहर के ही एक पेयजल टैंक में डाल दिया।
जिला व सत्र न्यायाधीश विरेंद्र सिंह ने बुधवार को इस मामले में चंद्र शर्मा पुत्र अनिल शर्मा, तेजेंद्र सिंह पुत्र उमरवंत सिंह और विक्रांत बख्शी पुत्र नरेंद्र बख्शी को मौत की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने 6 अगस्त को इन तीनों को हत्या, अपहरण, बंधक बनाना, हत्या का षड्यंत्र रचने और साक्ष्य मिटाने का दोषी करार दिया था। अदालत में इस मामले में एक साल से अधिक समय तक ट्रायल चला, जिसमें 105 गवाह पेश हुए। न्यायाधीश ने 800 पन्नों की जजमेंट दी थी।
इस घटना को लेकर अदालत के फैसले का पूरा शहर बेसब्री से इंतजार कर रहा था। पीड़ित परिवार आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहा था। अदालत द्वारा तीनों दोषियों को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद युग के पिता विनोद कुमार गुप्ता ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि मुझे अदालत पर पूरा भरोसा था। आज के फैसले से हमारी चार सालों से युग को न्याय दिलवाने के लिए की जा रही मांग पूरी हो गई है। भावुक पिता ने कहा कि मेरे मासूम युग का अपहरण कर उसे तड़फा-तड़फा कर मौत की नींद सुनाने वाले तीनों दोषियों को तो फांसी की सजा भी कम है।
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इस केस में फैसला आते वक्त कोर्ट परिसर और बाहर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम था। बड़ी तादाद में पुलिसवाले तैनात किए गए थे। आज दिन में करीब 2 बजे तीनों दोषियों को कड़े सुरक्षा पहरे में अदालत में पेश किया गया था। तीनों दोषी बीते 2 साल से शिमला के कंडा जेल में हैं। बताते चलें कि साल 2014 के जून माह में राजधानी में एक भयावह कांड सामने आया था। 14 जून 2014 को उक्त अपराधियों ने राम बाजार के कारोबारी विनोद कुमार गुप्ता के चार साल के बेटे युग का अपहरण किया। आरोपियों ने युग को छोड़ने की एवज में फिरौती भी मांगी थी। लेकिन पकड़े जाने के डर से उन्होंने युग को ही मौत के घाट उतार दिया।
सदर पुलिस के इस मामले की जांच में नाकाम रहने पर सीअीईडी को जांच का जिम्मा सौंपा गया। दो साल बाद अगस्त 2016 को सीआईडी ने मामला सुलझाते हुए आरोपियों को गिरफतार कर लिया। उनकी शिनाख्त पर शहर के भराड़ी में एक पेयजल टैंक से युग के कंकाल बरामद कर लिए। मामले का खुलासा होने पर युग के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, वहीं पूरा शहर हैरत में पड़ गए। मासूम बालक को अपराधियों ने बांध कर पेयजल टैंक में डाल दिया था। ऊपर से ढक्कन बंद कर दिया था। इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीनों आरोपी संपन्न परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। चंद्र और तेजेंद्र तो पीड़ित युग के पड़ोसी थे।
घटनाक्रम की टाइमलाइन
14 जून, 2014 को चार वर्षीय युग का अपहरण
23 जून की रात्रि युग की निर्मम हत्या
20 अगस्त 2016 को सीआईडी ने एक आरोपी विक्रांत को किया गिरफतार
22 अगस्त 2016 को विक्रांत की निशानदेही पर सीआईडी ने निगम के भराड़ी टैंक से युग का कंकाल किया बरामद
25 अक्तूबर 2016 को सीअीईडी ने आरोपियों के खिलाफ स्थानीय अदालत में चार्चशीट दाखिल की
20 फरवरी 2017 को जिला व सत्र अदालत में ट्रायल प्रारंभ
06 अगस्त अदालत ने तीनों आरोपी दोषी करार