हमीरपुर (मोनिका शर्मा) : ग्रीष्म ऋतु में पौंग बांध झील वन्य अभ्यारण में पक्षियों पर नजर रखने के लिये गणना कार्य 23 जून से आरंभ किया गया था। इस कार्य को सफल बनाने के लिए पौंग बांध झील वन्य अभ्यारण 15 खंडों में विभाजित किया गया और जमीन और बांध के किनारों पर नजर रखने के लिए 2 से 4 व्यक्तियों के दल बना कर 40 व्यक्तियों को तैनात किया गया। यह जानकारी प्रिंसीपल सीसीएफ वाइल्ड लाइफ कम चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस वालिया ने दी।
उन्होंने बताया कि कार्य संपन्न होने पर विभिन्न जातियों के 12,314 आद्र्रभूमि पक्षियों को पाया गया। उन्होंने बताया कि प्रमुख जाति के 3,348 केटल इग्रेट, 2,003 लीटल जलकाग, 1377 स्माल प्रटींकॉल, 1305 लीटल इग्रेट, 1024 रेड लैपविंग के अतिरिक्त महत्वपूर्ण प्रजनन जातियां झील से रिकार्ड की गई, जिनमें 194 लीटल टेर्न, 173 बैंगनी बगुले, 55 येलो माट्टलड लैपविंग, 46 गुल बिल्लड टेर्न और 43 ग्रेड थिक नी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इनमें अधिकांश निवासी है जबकि अन्य ग्रीष्म ऋतु के प्रवासी है जैसे लो वाट्टलड लैपविंग, स्मॉल प्रटींकॉल, लैशर विस्लिंग डक, इंडियन स्किम्मर, ब्लैक क्रॉण्ड नाईट हेरान और ब्लू टेलड बी ईटर हैं। यह प्रजातियां मध्य भारत के शीतकालीन स्थानों से पौंग झील के लिए नियमित रूप से हर वर्ष पहुंचते हैं। गत कुछ वर्षों से पौंग डैम झील कई जातियों के पक्षियों के लिए आदर्श सैरगाह बन चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि पौंग डैम झील में विविध आवास और भोजन उपलब्धता होने के कारण 4423 प्रजातियों के पक्षी, 18 प्रजातियों के सांप, 90 प्रजातियों की तितलियां, 24 प्रजातियों के स्तनधारी, 27 प्रजातियों की मछलियां रिकॉर्ड की गई और उन्हें इस उद्यम में सुरक्षा वन्यप्राणी के कर्मचारियों और स्थानीय समुदाय को शामिल किया गया है।