एमबीएम न्यूज/नाहन
रविवार की आधी रात को पुलिस महकमे में हडक़ंप मच गया। दरअसल मूसलाधार बारिश का फायदा उठाकर संगीन अपराधों में संलिप्त उत्तर प्रदेश के मेरठ का रहने वाला शातिर सोनू उर्फ चिकारा (29) पुलिस बैरक से फरार हो गया। गनीमत इस बात की रही कि कुछ पल में ही पुलिस अधीक्षक सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को सूचना मिल गई।
चारों तरफ अंडर- ट्रायल सोनू की गिरफ्तारी को लेकर जाल बिछा दिया गया। सैंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में चल रहेे अंडर ट्रायल कैदी को सोमवार तडक़े उत्तर प्रदेश के मेरठ पेशी में ले जाया जाना था। बैरक से अंडर ट्रायल कैदी की फरारी की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक सहित एएसपी वीरेंद्र ठाकुर भी मौके पर पहुंच गए थे।
मूसलाधार बारिश में फरार होने के लिए अंडर ट्रायल कैदी ने जंगल का रास्ता चुना, लेकिन दोसडक़ा के समीप उसे सडक़ पार करनी थी। जैसे ही जंगल से सडक़ पर आया, उस पर पहले से ही तैनात पुलिस कर्मियों की नजर पड़ गई। पुलिस विभाग में तैनात कांस्टेबल दीप शर्मा उसके पीछे भागा। कैदीे घसीटता हुआ सडक़ के निचले हिस्से की तरफ कूद गया। इसी बीच कांस्टेबल दीप शर्मा ने भी उसके पीछे छलांग लगा दी। करीब 30 फीट की ऊंचाई से कूद कर उसे दबोच लिया।
दूसरी तरफ दोसडक़ा पर खड़े पुलिस कर्मी भी शातिर सोनू तक पलक झपकते ही पहुंच गए। यहां से कैदीे फिर जंगल के रास्ते में उतरने की फिराक में था। बताया गया कि अंडर ट्रायल सोनू ने पांवटा साहिब में एक डकैती को 2012 में अंजाम दिया था। इसके अलावा भी उत्तर प्रदेश की कई आपराधिक वारदातों में संलिप्त रहा। उधर लापरवाही बरतने वाले एक हैड कांस्टेबल समेत दो कांस्टेबलों के खिलाफ आईपीसी की धारा- 223 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि अंडर ट्रायल कैदी सोनू के खिलाफ आईपीसी की धारा-224 का मामला दर्ज हुआ है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र ठाकुर ने पुष्टि करते हुए बताया कि फरारी के दो घंटे के भीतर ही अंडर ट्रायल कैदी को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि चूंकि कैदी को तडक़े मेरठ ले जाया जाना था, लिहाजा उसे रात को ही पुलिस की बैरक में लाया गया था। उन्होंने माना कि पुलिस कर्मियों की ही होशियारी से दो घंटे के भीतर ही दबोच लिया गया था।
उल्लेखनीय है कि पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी ने पुलिस कर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस तरह की घटनाओं मेें सूचना प्रदान करने में मामूली सी भी देरी न करें। अमूमन इस तरह की घटनाओं में पहले पुलिस कर्मी अपने स्तर पर ही कार्रवाई करते रहते हैं। कई घंटे बीतने के बाद अधिकारियों को पता चलता है।
Latest
- बिलासपुर के जंगलों में तीन दिन से लगी है आग, करोड़ों की वन संपदा राख
- चूड़धार जाने से पहले अनिवार्य हुई रजिस्ट्रेशन, स्वास्थ्य जांच भी आवश्यक
- मनाली में गर्लफ्रेंड की हत्या, सफेद कमीज पर पीले दाग ने दिया दगा…गर्म पानी से नहलाया शव
- विक्रमादित्य सिंह से मंत्रालय संभाले नहीं जा रहे और चले हैं MP बनने
- सुन्नी में गाय काे पेड़ से बांधकर भूखा-प्यासा रखने पर FIR