चंबा (एमबीएम न्यूज) : आपातकाल के समय सुविधाएं मुहैया करवाने वाली 108 एंबुलेंस के हालात चंबा में काफी बदतर हैं। जनजातीय क्षेत्र पांगी को मिलाकर जिला के लिए 17 एंबुलेंस मुहैया करवाई गई हैं, लेकिन इसमें से 10 ही एंबूलेंस चल रही हैं। इसमें से दो एंबूलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं और अन्य खराब हैं।
हालात यह हैं कि चंबा अस्पताल से टांडा के लिए चलने वाली 108 एंबुलेंस भी पिछले कई दिनों से खराब है। इसके चलते जहां जनता को इस सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है, वहीं 108 एंबुलेंस में सेवाएं दे रहे चालक भी दुखी हैं। समय पर रिपेयर न होने के कारण चालक खराब एंबुलेंस चलाने को बाध्य हैं और कई बार यह दुर्घटनाओं को अंजाम देती हैं। हाल ही दो दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
यहां चौंकाने वाले तथ्य यह भी हैं कि 108 एंबूलेंस में जहां आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था नहीं रहती है, वहीं कई दिनों तक दवाइयां भी नहीं होती जिससे आपातकाल में रोगियों को प्राथमिक उपचार मुहैया करवाने में स्टाफ को दिक्कतें आती हैं। एंबूलेंस के चालकों ने इस संबंध में आज एक आपात बैठक की जिसके पश्चात उपायुक्त चंबा एम सुधा देवी को एक ज्ञापन भी सौंपा।
चालकों के अनुसार पिछले पांच छह माह से उनकी गाडिय़ों में काफी दिक्कतें आ रही हैं। समय पर एंबूलेंस की मरम्मत न होने से हर समय हादसे का भय बना रहता है। उनके अनुसार पिछले पांच माह में उनकी तीन एंबूलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं। इसके चलते वह इस एंबूलेंस को चलाने में असमर्थ हैं क्योंकि जब तक गाडिय़ां सही नहीं होगी तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इससे जहां रोगियों का जान जोखिम में रहती है, वहीं चालक भी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
उनके अनुसार जब गाडिय़ां दुर्घटनागस्त हो जाती हैं तो कंपनी चालकों पर इसकी गाज गिराकर उन्हें नौकरी से निकाल देती है। चालकों के अनुसार जब गाड़ी का कोई चालक घायल हो जाता है तो भी उसे कंपनी की तरफ से कोई सहायता नहीं दी जाती। उनके अनुसार 108 एंबूलेंस की समय पर मरम्मत नहीं होती।
वही गाड़ी में फर्स्ट एड किटों में दवाइयों की कमी रहती है, वहीं बिना ऑक्सीजन के उन्हें रोगियों को अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है। चालकों ने जिला प्रशासन और कंपनी के उच्चाधिकारियों से मांग की है कि 108 एंबूलेंस की हालत में सुधार करने के लिए पग उठाए जाएं, ताकि रोगियों को बेहतर सुविधाएं मिलें और उनका भी भविष्य सुरक्षित हो।