रेणु कश्यप /नाहन
सिरमौर के गबरू सुनील शर्मा ने अंकल ट्रंप की धरती पर अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। हालांकि टॉप-10 में जगह नहीं बना पाए, लेकिन कैलिफोर्निया की डैथ वैली में 135 मील (217.261 किलोमीटर) की अल्ट्रा मैराथन दौड़ को 35 घंटे 57 मिनट में घंटे में पूरा करने में सफल हुए हैं। सिरमौरी बेटे की विश्व की सबसे कठिन दौड़ में टॉप 20 में जगह हो सकती है। रात सवा दस बजे तक आधिकारिक साइट पर सुनील का डाटा अपलोड नहीं हुआ था। लेकिन यह साफ़ हो गया था कि 36 घंटे से चंद मिनट पहले सुनील ने दौड़ पूरी कर ली है,जो सिरमौर के एक रिमोट गांव के एक साधारण परिवार में जन्मे बेटे के लिए बड़ी कामयाबी है। भारतीय समय के अनुसार सुनील ने बुधवार की रात करीब 9 बजे के आसपास दौड़ को पूरा किया। समझा जा रहा है कि पहले भारतीय है, जिन्होंने इस दौड़ को 36 घंटे से चंद मिनट पहले पूरा किया है। रोचक बात यह है कि इतनी लंबी दुरी तय करने के बावजूद सुनील फ्रेश थे। सुनील ने 131 मील की दूरी 34 घंटे 49 मिनट में पूरी की।
भारत में सुनील के हजारों प्रशंसक जीपीएस तकनीक से ऑनलाइन उपलब्ध लाइव अपडेट से जुड़े रहे। उल्लेखनीय है कि विश्व भर में मशहूर यह रन भारतीय समय के अनुसार मंगलवार सुबह 8 बजे शुरू हुई थी। इस मैराथन में हिस्सा लेने वाले सुनील शर्मा चौथे भारतीय हैं। यह साफ नहीं हो पाया है कि सुनील से पहले किस भारतीय ने कितने समय में दौड़ पूरी की थी। यह जरूर कहा जा रहा है कि सुनील ने भारतीय धावकों में सबसे कम समय में दौड़ को पूरा करने का रिकॉर्ड बना लिया होगा। इस दौड़ में सुनील ही एकमात्र भारतीय थे।
सिरमौरी बेटे ने प्रथम चरण में 17.5 मील की दूरी को तीन घंटे 16 मिनट में पूरा किया। इसके बाद दूसरे, तीसरे व चौथे चरण की औसत स्पीड 4.23, 3.42 व 3.24 मील प्रति घंटा रही। इसके बाद सुनील ने सुधार करते हुए 32.1 मील की दूरी 3.70 मील प्रतिघंटा की स्पीड से पूरी की। छठे चरण में सुनील की औसत 3.19 मील रही। रन के शुरूआती चरण में सुनील शर्मा टॉप-5 में भी जगह बनाने में सफल हुए थे। उल्लेखनीय है कि रेस डायरेक्टर क्रिस क्रेस्टमैन द्वारा केंद्रीय कारागार नाहन के कैदियों द्वारा बनाई गई टोपियों की भी सराहना की गई थी। खास बात यह है कि लोकल तजुर्बा होने की वजह से टॉप टेन में यूएसए के धावकों ने ही जगह बनाई। जिसमे तीन महिलाये भी शामिल रही। उधर शुगलु कंपनी के चेयरमैन एलडी शर्मा ने सुनील को बधाई देते हुए कहा की एयरपोर्ट पर जबरदस्त स्वागत किया जायेगा।
क्यों है डैथ वैली रन…
ऐसा माना जाता है कि जो इस रन का ट्रैक है, वो विश्व के सबसे मुश्किल रास्तों में से एक है, जहां 49 डिग्री तक के तापमान का सामना धावकों को करना पड़ता है। इसके अलावा रात को तापमान में जबरदस्त गिरावट आ जाती है। समुद्रतल से 279 फीट से दौड़ शुरू होती है जो 8360 फीट पर खत्म होती है। इसकी शुरूआत 1969 में हुई थी, लेकिन चंद भारतीय ही इसमें हिस्सा लेने के लिए चयनित हुए।
उल्लेखनीय है कि लंबी प्रक्रिया के बाद इस रेस में हिस्सा लेने के लिए विश्व भर से लगभग 100 धावकों को ही चुना जाता है। प्रदेश के लिए गौरव के पल उसी समय थे, जब सुनील को इस दौड़ के लिए चुना गया था। डैथ वैली में 217 किलोमीटर का सफर दौड़ कर पूरा करना अपने आप में ही एक अजूबा है।