शिमला (शैलेंद्र कालरा) : राज्य के पक्षी प्रेमियों के साथ-साथ वन्य प्राणी विभाग के लिए अच्छी खबर है। रामपुर के समीप सराहन के जुजुराणा संरक्षण व प्रजनन केंद्र में दो नन्हें मेहमान आए है। शुक्रवार को जुजुराणा के अंड़ो से दो चूजे जन्मे है। अब इस केंद्र में दुर्लभ पक्षी ‘‘जुजुराणा’’ की संख्या 28 हो गई है। लगातार तीसरे साल केंद्र में दुर्लभ पक्षी का सफल प्रजनन हुआ है। गौरतलब है कि मौजूदा में यह आकर्षक बर्ड ही हिमाचल का राज्य पक्षी भी है। इंटरनेशनल यूनियन ऑफ कंजरवेशन ऑफ नेचर ने इस प्रजाति को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम एक्ट 1972 के तहत शैडयूल एक में रखा है। यह बताया गया है कि इस दुर्लभ पक्षी के दो जोड़े 1990 व 1993 में लाए गए थे।
हिमालय में पाए जाने वाले इस पक्षी के संरक्षण को लेकर सख्त तौर तरीके है। मादा जुजुराणा ने 24 अप्रैल को पहला अंडा दिया था। विशेषज्ञ बताते है कि अंडे देने से प्रजनन तक की प्रक्रिया पर बेहद बारीकी से नजर रखी जाती है। 12 साल के बाद पहली बार 2005 में इस केंद्र में जुजुराणा ने जन्म लिया था। विश्व भर में यह एकमात्र पक्षी विहार है जहां पर कैपटीविटी में सफलतापूर्वक इस पक्षी का प्रजनन करवाया जा रहा है।
सूत्र बतातें है कि विभाग नन्हें जुजुराणा के जन्म की बात को अभी प्रचारित नहीं करना चाहता है क्योंकि इससे विभाग को पक्षियों की ‘‘टेक केयर’’ करने में परेशानी का सामना करना पडता है। 2010 तक इस केंद्र में आकर्षक व दुर्लभ पक्षियों की संख्या में 11 नर व 9 मादा थी। सराहन फिजेंटरी केंद्र के डीएफओ टीआर धीमान ने पुष्टि करते हुए कहा कि 2 चूजे ने जन्म लिया है जिनकी पूरी केयर की जा रही है।