वी कुमार/मंडी
रशिया में संपन हुए बॉक्सिंग के इंटरनेशनल टूर्नामेंट में सुंदरनगर के वीरेंद्र ठाकुर ने सिल्वर मैडल जीतकर इतिहास रच दिया है। वीरेंद्र ने अपने बॉक्सिंग कैरियर की शुरआत स्कूल स्तर से की और लगातार अपना खेल जारी रखा। वीरेंद्र ने अपनी पढ़ाई एमएलएसएम कॉलेज सुंदरनगर से जारी रखी और बॉक्सिंग सैंटर सुंदरनगर में कोच नरेश कुमार की देखरेख में अभ्यास करते रहे और कई नेशनल प्रतियोगिताओं में मैडल जीते तथा यूनिवर्सिटी स्तर पर हिमाचल को मैडल दिलाए।
कॉलेज की पढ़ाई खत्म होते ही खेल कोटे से वीरेंद्र का चयन इंडियन आर्मी में हुआ, बॉक्सर ने अपने खेल को आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट पुणे में निरंतर जारी रखा और कुछ समय के बाद वीरेंद्र का चयन एनआईएस पटियाला में इंडिया कैंप के लिए हुआ। जिससे प्रदेश के खेल प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ी।
वहीं रशिया में 5 जून से 13 जून तक आयोजित की गई उमखनोव मैमोरियल प्रतियोगिता में वीरेंद्र को पहली बार भारत की तरफ से 91 किलो भार वर्ग में अपना बल दिखाने का मौका मिला। वीरेंद्र अपने पहले इंटरनेशनल दौरे को यादगार बनाना चाहते थे। वीरेंद्र ने अपने पहले मुकाबले में अजरबाइजान के खिलाड़ी को 5-0 से हरा कर फाइनल में जगह बनाई।
वहीं फाइनल मुकाबला मंगलवार को स्वीडन के खिलाडी और भारत के वीरेंद्र के बीच 91 किलोग्राम भार वर्ग में खेला गया। लेकिन काफी देरी तक चले महामुकाबले में वीरेंद्र को हार का सामना करना पड़ा लेकिन हार के साथ भी वीरेंद्र अपने अच्छे प्रदर्शन के दम पर सब का दिल जीत गए और सिल्वर मैडल के साथ उन्हें सतुष्ट रहना पड़ा। प्रतियोगिता में भारत की झोली में तीन मैडल आये जिसमें सुंदरनगर के वीरेंद्र ने 91 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर, दिल्ली के गौरव ने 56 किलोग्राम भार वर्ग ब्रॉन्ज मैडल और राजस्थान के बृजेश यादव ने 81 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर मैडल हासिल किया।
आप को बता दे की वीरेंद्र मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के बोबर गांव का रहने वाले है और उनके पिता इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में कार्यरत है व माता और पत्नी गृहणी है। वीरेंद्र ने अपनी कामयाबी का श्रेय बॉक्सिंग कोच नरेश कुमार, बॉक्सिंग फैडरेशन इंडिया के पदाधिकरियों व आर्मी के अधिकारियो को दिया है।