एमबीएम न्यूज/कुल्लू
2012 के दिल्ली गैंगरेप की याद जहन में ताजा होते ही जापान की युवती ने बलात्कारी टैक्सी चालक के सामने हार मान ली थी। यही सोचा था कि कहीं उसका हश्र भी निर्भया की तरह न हो जाए, क्योंकि आरोपी टैक्सी चालक बार-बार उसे शारीरिक संबंध स्थापित न करने की सूरत में 5-6 लोगों से रेप करवाने की धमकी दे रहा था।
पुलिस अगर इस सनसनीखेज वारदात को सुलझाने में थोड़ी सी भी देरी करती तो निश्चित तौर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता। अब शायद बहुत ही कम लोग पुलिस की इस बात को लेकर सराहना करेंगे कि ब्लाइंड रेप की घटना को 12 घंटे के भीतर ही सुलझा लिया गया।
उधर एसपी शालिनी अग्रिहोत्री ने माना कि पीडि़ता ने अपने बयान में इस बात को माना है कि वह दिल्ली गैंगरेप को लेकर बेहद डरी हुई थी। लिहाजा उसने आरोपी के सामने सरेंडर कर दिया था। एसपी ने यह भी माना है कि 12 घंटे में पूरा मामला सुलझाया गया।
क्यों था ब्लाइंड…
पीडि़ता 29 मई को काजा से मनाली लौटी थी। रात के 10 बज चुके थे। सुबह सवा 8 बजे धर्मशाला जाना था, लेकिन बस छूट गई। एक टैक्सी ड्राईवर ने उसे कुछ स्थानों पर घुमाने की पेशकश की, क्योंकि शाम को चार बजे धर्मशाला के लिए दूसरी बस मिलनी थी। टैैक्सी ड्राईवर ने पीडि़ता को हिडिम्बा मंदिर व ओल्ड मनाली के अलावा सोलंग घाटी में घुमाया। ट्रैफिक जाम होने के कारण पीडि़ता की दूसरी बस भी छूट गई। फिर पीडि़ता को रात 8 बजे कुल्लू सेे बस पकडऩे की पेशकश चालक ने की। कुल्लू की तरफ यात्रा शुरू हुई।
अंधेरा होने के बाद टैक्सी चालक उसे जंगल में ले गया। चालक उसे रेप के लिए ब्लैकमेल करने लगा। चूंकि पीडि़ता आरोपी के बारे में कुछ नहीं जानती थी, पूरे इलाके में नई होने के कारण उसे किसी जगह का अंदाजा भी नहीं था। इसी कारण पुलिस के लिए केस को सुलझाना कठिन हो गया। लिहाजा मामला पूरी तरह से ब्लाइंड हो चुका था।
ऐसे हुआ खुलासा…
31 मई को मामला दर्ज होने के बाद 6 टीमें गठित की गई। जांच में किसी तरह की भी सीसी फुटेज की मदद नहीं थी। शिददत से कोशिश कर रही पुलिस को एक क्लू मिला, जो गाड़ी का म्यूजिक सिस्टम व मॉडल था। इसके अलावा सडक़ के किनारे एक रेस्टोरेंट भी नजर में आया। इसी के आधार पर जांच आगे बढ़ी। लगातार 10 घंटे तक पुलिस खास तरह के म्यूजिक सिस्टम व महिन्द्रा मॉडल की कार को ढूंढती रही।
पुलिस के लिए मानवीय खुफिया तंत्र व तकनीकी इंटेलीजेंस काम आई। इसके बूते एक संदिग्ध के फोन नंबर तक पहुंची। नंबर को सर्विलेंस पर रखा गया। 12 घंटे की मशक्कत के बाद संदिग्ध की लोकेशन पता चलते ही उसे दबोच लिया गया। चूंकि पीडि़ता उससे अनजान थी, लिहाजा संवेदनशील मामले में शिनाख्त परेड लाजमी थी।
शनिवार को पीडि़ता के समक्ष आरोपी की शिनाख्त करवाई गई तो उसने उसे पहचान लिया। इस दौरान ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट भी मौजूद रहे। वारदात को क्रैक करने में मनाली के एसएचओ अनिल ठाकुर व प्रोबेशनल आईपीएस अभिषेक यादव की मुख्य भूमिका रही। पूरे मामले पर एसपी शालिनी अग्रिहोत्री खुद नजर बनाए रखे थी।
चार दिन के पुलिस रिमांड पर…
आरोपी टैक्सी ड्राईवर दीपक को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। हालांकि अब भी उसे न्यायिक हिरासत में ही रखा गया है, लेकिन जल्द ही पुलिस उससे पूछताछ शुरू कर देगी। बताया यह भी जा रहा है कि फोरेंसिक टीम ने घटना को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ी की जांच के दौरान बाल व खून के धब्बे पाए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेज दिया गया है।