उमेश ललित/ धर्मपुर(मंडी)
गरीबी हमेशा की तरह प्रतिभा के आड़े आ चुकी थी कि लेकिन समाजसेवी संजय शर्मा ने मददगार बन कर साबित कर दिया कि मानवीय मूल्यों की कद्र करने वाले जिंदा हैं इस समाज में। एक उदयीमान खिलाड़ी शिवानी के लिए कामयाबी के दरवाजे बंद होने के कगार पर थे। पिता सुभाष को इल्म ही नहीं था कि इंडियन हाकी टीम का हिस्सा बनने का जज्बा पालने वाली बेटी शिवानी को हादसा और गरीबी मिलकर गुमनामी में धकेल देंगे। जहां उसके लिए मुख्यमंत्री राहत कोष, खेल एवं युवा सेवाएं जैसे सहारे कागजी साबित होंगे। परन्तु इस परिवार के लिए धर्मशाला से ताल्लुक रखने वाले संजय ने घर आकर आर्थिक मदद की और शिवानी का इलाज अच्छे से अच्छे अस्पताल में कराने का वादा किया।
सरकाघाट उपमंडल के गोपालपुर की छात्रा शिवानी(13) ने सितंबर 2016 में हॉकी खिलाड़ी के रूप में जिले का प्रतिनिधित्व किया था। उसने बताया कि टूर्नामेंट में लड़कों के साथ एक अभ्यास मैच के दौरान इसे स्टिक की जबरदस्त चोट लग गई जिससे उसके सामने वाले पांच दांत टूट गए। बीपीएल परिवार से ताल्लुक रखने वाली इस छात्रा के इलाज के लिए स्कूल प्रशासन अथवा शिक्षा विभाग ने कोई मदद नहीं की जबकि वह खेल के वक्त घायल हुई थी तथा सारी जिम्मेवारी स्कूल प्रशासन की थी।
मुख्यमंत्री और खेल एवं युवा सेवाएं बोर्ड से भी आर्थिक मदद की गुहार लगाई गई लेकिन डेढ़ साल बीत जाने पर भी इसके इलाज के लिए पैसों का इंतजाम नहीं हो सका जबकि परिवार तीस पैंतीस हज़ार रुपए खर्च कर चुका है। शिक्षा विभाग ने आपत्ति जताई है कि छात्रा का इलाज निजी अस्पताल में हुआ है जिस कारण उसे बिल भुगतान संभव नहीं। जबकि पिता सुभाष चंद का कहना है कि वह अपनी बेटी को सरकारी अस्पताल लेकर गए थे लेकिन वहां तैनात डॉक्टरों ने असमर्थता व्यक्त करते हुए घायल छात्रा को निजी डेंटल कॉलेज में दिखाने की बात कही। उन्हें अपनी बेटी के इलाज की फिक्र थी, उन्हें पता नहीं था कि प्राइवेट कॉलेज में इलाज के बिलों का भुगतान शिक्षा विभाग नहीं करेगा।
काबिलेगौर है कि घटना के प्रत्यक्षदर्शी शारीरिक शिक्षक की मौत हो चुकी है। शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय को सारे बिल बाउचर भेजने के पश्चात दो बार रिमाइंडर भी भेजे जा चुके हैं। गरीब परिवार की सरकारी उपेक्षा से स्थानीय जनता में भारी रोष है।ग्रामीणों का कहना है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान एक सरकारी ड्रामा है जिसका मकसद महज लोकप्रियता हासिल करना है।
शिक्षा उपनिदेशक मंडी केडी शर्मा का कहना है ….
छात्रा के पिता ने प्राइवेट डेंटल कॉलेज के बिल बाउचर भेजे थे जिन्हें सरकार की नोटिफिकेशन के मुताबिक अप्रूव नहीं किया जा सकता। उन्हें आईजीएमसी अथवा पीजीआई चंडीगढ़ में होने वाले खर्च का एस्टीमेट तैयार करने को कहा गया है ताकि स्वीकृति के लिए उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया जा सके। गत वीरवार को दो सौ किलोमीटर का सफर तय करके गोपालपुर के भैरो गांव पहुंचे
संजय शर्मा ने शिवानी को आर्थिक सहायता दी और कहा कि साधन विहीन बिटिया इलाज बेहतर इलाज कराया जाएगा तथा इस दौरान पैसे की कमी आने नहीं दी जाएगी।संजय शर्मा ने नेताओं और अफसरों की कार्यप्रणाली पर गहरा अफसोस जताते हुए कहा कि राजनीति महज लोकप्रियता हासिल कर धन संग्रह तक सिमट चुकी है और मानवीय मूल्यों अथवा संवेदना का कोई अर्थ नहीं रह गया है।