शिमला (एमबीएम न्यूज): हर कोई इस बात से वाकिफ है, देश की सबसे युवा पंचायत प्रधान मंडी की जबना चौहान है। लेकिन एक हकीकत यह भी है कि बारहवीं की पढ़ाई के बाद छुट्टियों में जबना चौहान ने मनरेगा की दिहाडिय़ां भी की हैं। परिवार की गुरबत उसे दसवीं से आगे पढऩे की इजाजत नहीं दे रही थी। लेकिन मनरेगा की दिहाडिय़ों से मिली रकम से जबना चौहान ने कॉलेज की दहलीज पार करने का मौका हासिल कर लिया।
कॉलेज आने-जाने के लिए बस का किराया चुकाने के लिए पैसे नहीं होते थे, लिहाजा पैदल सफर तय करती थी। पत्रकारिता के क्षेत्र में टाईपिंग व एंकरिंग को पार्ट टाइम पेशा बना लिया। इसके दो साल बाद ही पंचायत की प्रधान बन गई। शायद खुद भी नहीं पता था कि वो देश की सबसे युवा प्रधान या सरपंच बनने का गौरव हासिल कर चुकी है। सनद रहे कि जबना चौहान ने 22 साल की उम्र में पंचायत प्रधान बनने का गौरव हासिल किया था।
बहरहाल देश की सबसे युवा सरपंच फिर चर्चा में है, क्योंकि जबना चौहान को झारखंड की राजधानी रांची में हो रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हासिल हुआ है। केंद्र सरकार के पैट्रोलियम मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जा रहे सम्मेलन में विश्व के 10 देश हिस्सा ले रहे हैं।
26 व 27 फरवरी को हो रहे इस सम्मेलन में मंडी के गोहर ब्लॉक की थरजूण पंचायत की युवा प्रधान जबना चौहान भी प्रधानमंत्री उज्जवला योजना को हिमाचल में कैसे प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है, इस पर अपने विचार प्रकट करेंगी। सम्मेलन की अध्यक्षता खुद केंद्रीय पैट्रोलयम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कर रहे हैं। इसका उदघाटन झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवीर दास द्वारा किया जाएगा। सम्मेलन में झारखंड की नारी शक्ति को स्वच्छता व नशामुक्ति के लिए भी जबना चौहान प्रेरित करेंगी।
सनद रहे कि पंचायत में स्वच्छता व शराबबंदी जैसे बेहतरीन कार्यों के लिए जबना चौहान को हिमाचल व पंजाब सरकार के अलावा फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। गुजरात के गांधीनगर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सरपंचों के सम्मेलन में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने होनहार बेटी की पीठ थपथपाई थी।