हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़) : कोख में कन्या भ्रूण के कत्ल की साजिश रचने वाले एक ‘अधर्मी’ डॉक्टर के नाम से श्याम बिहारी और वैद्य हरी राम मेमोरियल अस्पताल में चल रहे अल्ट्रासॉउन्ड सेंटर को सील कर दिया गया। जिला पुलिस व ज़िला प्रशासन ने एक स्टिंग ऑपरेशन के तहत घुमारवी में यह कार्रवाई की है। इस मामले में शिकायतकर्ता एक महिला ज़िला से सम्बंधित है।
धर्मार्थ चिकित्सालय में ‘अधर्म’ करते रंगे हाथ दबोचे गए कथित डॉक्टर श्याम बिहारी पुत्र हरी राम के नाम से पंजीकृत अल्ट्रासॉउन्ड सेंटर के खिलाफ पहले सोची समझी कार्रवाई की रणनीति बनायी गई।
इसमें पुलिस सब इंस्पेक्टर पूजा ने शिकायतकर्ता महिला की भाभी के रूप में बिचौलियों तक पहुँच बनाई। शिकंजे में सुषमा नामक एक महिला बिचौलिया ट्रैप में फंस गई। भ्रूण जाँच की फ़ीस व रिज़ल्ट बारे हुई बातचीत को सब इंस्पेक्टर पूजा ने हिडन कैमरों में क़ैद कर लिया। सारी कार्रवाई एसपी रमण कुमार मीना, ज़िलाधीश राकेश कुमार प्रजापति, डीएसपी रेणु शर्मा व सब इंस्पेक्टर पूजा ने सीएमओ सावित्री कटवाल की देखरेख में पूरी की।
बाद में अल्ट्रासाउंड मशीन, प्रिंटर और रिकार्ड को जब्त कर लिया। इस बारे में एसपी रमण कुमार मीणा ने पत्रकारवार्ता में बताया कि घुमारवी स्थित अस्पताल में छापेमारी की कार्रवाई देर शाम को हुई। अल्ट्रासाउंड मशीन, प्रिंटर और रिकॉर्ड को सील किया गया। भ्रूण जाँच की फ़ीस के रूप में लिए गये चिन्हित 10 हज़ार रुपए भी ज़ब्त कर लिए गये। उन्होंने बताया कि भ्रूण परीक्षण कर रहे चिकित्सक श्याम बिहारी व एक महिला दलाल को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा चिकित्सक के सेंटर से एक सोनोग्राफी मशीन को सीज किया गया है।
18 हजार में सौदा तय, इशारा मिलते ही टीम ने धर दबोचा
ज़िलाधीश राकेश कुमार प्रजापति ने प्रेस वार्ता में बताया कि जिला की दलाल सुषमा ने शिकायतकर्ता महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के परीक्षण के लिए 18 हजार रूपए में सौदा तय किया था। पीसीपीएनडीटी टीम ने मुख़बिर व सहयोगी के साथ महिला को घुमारवी निजी अस्पताल में भेजा। जहां से दलाल सुषमा शर्मा शिकायतकर्ता महिला को अपने साथ अल्ट्रा सोनाग्राफी सेंटर पर ले गई।
जहाँ बिना दस्तावेजों और फॉर्म भरवाए करीब दो घंटे बाद सेंटर के संचालक आरोपी श्याम बिहारी ने जाँच के बारे में बता दिया। महिला की ओर से टीम को इशारा किया गया। इशारा मिलते ही पीसीपीएनडीटी की टीम ने आरोपियों को गिरफ़्तार कर सोनोग्राफ़ी मशीन को जब्त कर लिया।
सबका फिक्स था हिस्सा
जाँच में सामने आया है कि 64 वर्षीय श्याम बिहारी पिछले कई साल से गर्भवती महिलाओं का भ्रूण परीक्षण करता था। यह भी सामने आया की प्रति जाँच के 15 से 20 हजार रूपए स्वयं लेता था बाकी की राशि दलालों को दो जाती थी। पिछले दिनों में प्रदेश में पीसीपीएनडीटी टीम की सख्ती होने के बाद श्याम बिहारी ने चालाकी शुरू कर दी थी। वह सीधे तौर पर भ्रूण परीक्षण के लिए तैयार नहीं होता था। अपने भरोसेमंद दलालो के माध्यम से ही गर्भवती महिला का भ्रूण परीक्षण करता था।