शिमला (एमबीएम न्यूज़ ): कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश अग्निहोत्री को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। मुकेश अग्निहोत्री पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते हैं। मुकेश अग्निहोत्री ऊना जिले के हरोली से लगातार चैथी मर्तबा विधायक बने हैं। पहली बार वह वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में जीत कर विधायक बने थे। वह पूर्व की वीरभद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह संसदीय कार्य मंत्री भी रहे हैं।
मुकेश अग्निहोत्री की पहचान कांग्रेस के युवा व तेजतर्रार विधायकों में होती है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव नरेश चैहान ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष के पद पर मुकेश अग्निहोत्री के नाम का औपचारिक एलान हुआ है। लेकिन इस बारे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पास आधिकारिक जानकारी नहीं पहुंची है।बताते चलें कि प्रदेश कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर काफी माथापच्ची चल रही थी। पिछले कल केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे और बाबा सिंह थोराट पहुंचे थे।
लेकिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष पर सहमति नहीं बन पाई थी। विधायक दल ने सिंगल लाइन प्रस्ताव पारित कर केंद्रीय हाईकमान को इस बारे में फैसला लेने के लिए अधिकृत किया था। दरअसल कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष में पेंच वीरभद्र और सुक्ख खेमों के बीच खींचतान की वजह से फंसा था।
वीरभद्र सिंह समर्थक वीरभद्र को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहते थे, लेकिन वीरभद्र सिंह खुद इसके लिए तैयार नहीं थे। 21 में से 17 विधायकों ने तो हस्ताक्षरयुक्त पत्र लिखकर हाईकमान से वीरभद्र को नेता प्रतिपक्ष बनाने की पैरवी की थी। वीरभद्र के पसंदीदा विधायकों में मुकेश अग्निहोत्री के अलावा रामलाल ठाकुर का नाम चर्चा में था। दूसरी ओर पीसीसी चीफ सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपने खेमे के विधायक को यह पद दिलाने की पैरवी कर रहे थे।
मुकेश अग्निहोत्री की विपक्ष के नेता के तौर पर ताजपोशी से कांग्रेस में अगली पंक्ति के नेताओं को आगे लाने की कवायद शुरू हो गई है। हिमाचल कांग्रेस में फिलहाल वीरभद्र सिंह ही एकमात्र चेहरा है, जिनकी पूरे प्रदेश में जबरदस्त पकड़ है। लेकिन वीरभद्र सिंह 84 वर्ष के हैं तथा वह कह चुके हैं कि यह उनकी आखिरी पारी है।