सोलन (एमबीएम न्यूज): प्रदेश के युवा पुलिस अधीक्षक मोहित चावला शनिवार को तकरीबन 7 किलोमीटर पैदल चले। वजह खास थी, साथ एक बंदूक लेकर गए थे, जो उन्हें 92वें साल की शौंकु देवी को खुद लौटानी थी। कंडाघाट उपमंडल के कनोह (बीशा)पहुंच कर एसपी ने न केवल बुजुर्ग महिला की बंदूक लौटाई, बल्कि उन्हें शांतिदूत का दर्जा भी दिया।
शौंकु देवी के साथ मोहित चावला व अन्यदरअसल विधानसभा चुनाव के दौरान निर्देश जारी किए गए थे कि तमाम हथियारों को थानों में पुलिस जमा करेगी। इसी की अनुपालना करते हुए शौंकु देवी पत्नी केसरू खुद कंडाघाट थाना में उपस्थित होकर बंदूक जमा करवाने आई थी। बुजुर्ग के इसी जज्बे के एसपी मोहित चावला कायल हो गए थे। बात पता चलते ही एसपी ने फैसला कर लिया था कि चुनाव प्रक्रिया के बाद जब बंदूकें वापिस की जाएंगी तो वह खुद शौंकु देवी को बंदूक देने घर जाएंगे। शौंकु देवी ने जिस तरीके से विधि का अनुसरण किया है, वह अपने आप में मिसाल बन चुका है।
एसपी मोहित चावला का कहना है कि कर्त्तव्य पालन करने वाली बुजुर्ग को “शांतिदूत” की संज्ञा दी जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए। एसपी के साथ डीएसपी राम लाल बंसल व कंडाघाट थाना को एसएचओ संदीप कुमार भी मौजूद रहे। एसपी मोहित चावला का यह भी कहना है कि शौंकु देवी ने कर्त्तव्यपरायणता से विधि का अनुसरण करने वाले सभ्य नागरिक का परिचय दिया है तो उनका भी यह कर्त्तव्य बनता था कि समाज के वरिष्ठ नागरिक का घर जाकर सम्मान किया जाए, ताकि उनका मनोबल बढ़े।
पंचायत प्रधान को सम्मानित करते एसपीएसपी ने कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें बुजुर्ग महिला का आशीर्वाद मिला। इस बात से भी एसपी काफी प्रभावित हुए कि बुजुर्ग महिला शौंकु देवी शाकाहारी है। सात्विक भोजन से ही अपनी शक्ति हासिल करती है।
मौके पर मौजूद महिला के पौत्र पूर्ण, पंचायत प्रधान सीता ठाकुर, उप प्रधान योगेश कुमार भी एसपी के व्यवहार से काफी प्रभावित हुए। एसपी ने बीशा पंचायत की प्रधान सीता ठाकुर को विधि का पालन करने पर सराहना पत्र भी भेंट किया।