नाहन (एमबीएम न्यूज ब्यूरो) : मोदी सरकार ने जांबांज सिपाही देवराज ठाकुर की बहादुरी को राष्ट्रीय पहचान देने की दरख्वास्त में महज औपचारिकता पूरी की है। सरकार ने राज्य के गृह विभाग को उचित कदम उठाने का निर्देश देकर खानापूर्ति कर दी है।
महात्मा गांधी का हत्यारा नत्थूराम गोडसे
जांबांज सिपाही के पौत्र विजय ठाकुर ने 13 मार्च को बेहद हसरत से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर गुजारिश की थी कि उनके दादा को राष्ट्रीय पहचान देने के अलावा पैतृक शहर में एक स्मारक बनाया जाए। सनद रहे कि जांबांज सिपाही देवराज ठाकुर, वहीं शख्स हैं जिन्होंने उस वक्त राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे को दबोच लिया था, जब पिस्टल धुआं उगल रही थी।
मात्र तीन पंक्तियों में पूरी हो गई औपचारिकता
अब परिवार को राज्य सरकार के गृह विभाग से 7 मई को जारी पत्र मिला है। इसमें मात्र प्रधानमंत्री कार्यालय से उचित कदम उठाने की बात कही गई है। हैरानी है कि एक जांबांज सिपाही की कद्र केवल इतनी है कि उसे तीन पंक्तियों में समेट कर परिवार को सूचित कर दिया गया।
नाहन केे देवराज ठाकुर को जीवन भर साजिशो का शिकार होना पड़ा। आखिर में उन्होंने 10 मई 1986 में इस उम्मीद में दम तोड़ दिया कि शायद उन्हें कोई पहचान मिल जाएगी। राज्य सरकार के सामने कई बार सवाल उठाए गए, लेकिन नतीजा शून्य रहा।
अब प्रदेश के गृह विभाग ने विजय ठाकुर को सूचित किया है कि प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र मूल रूप से वापिस आया है। इसमें प्रधानमंत्री कार्यालय से उचित कदम उठाने को कहा गया है।