धौलाकुआं (शैलेंद्र कालरा): क्या विश्व के शक्तिशाली प्रधानमंत्रियों की फेहरिस्त में शामिल नरेंद्र मोदी के रोंगटे भी खड़े हो सकते हैं। जी हां, ऐसा एक नवम्बर 2016 को हुआ था। इस वाकय का जिक्र खुद प्रधानमंत्री ने आज नाहन विधानसभा क्षेत्र की धौलाकुआं में आयोजित रैली की जनसभा में किया। दीगर है कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक ही सेना के जवानों के साथ दीवाली मनाने सुमदो (किन्नौर) पहुंच गए थे।
इस दिन का स्मरण करते हुए मोदी ने आज कहा कि उस दिन एक सैन्य अधिकारी जो रिटायरमेंट के नजदीक था, उनसे मिलने आया। सामने आते ही सैन्य अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी मेरा एक काम कर दीजिए। आज मोदी ने कहा कि वह सोचने लगे कि कोई व्यक्तिगत कार्य होगा। लेकिन जब रिटायरमेंट के नजदीक पहुंचे सैन्य अधिकारी से उन्होंने काम पूछा तो जवाब मिलने पर उनके रोंगटे खड़े हो गए, क्योंकि सैन्य अधिकारी ने रिटायरमेंट से पहले सीमा पर ट्रासफर करवाने की बात रखी थी, ताकि वो सैन्य अधिकारी सीमा पर तीन-चार दुश्मनों को अपनी रिटायरमेंट से पहले ढेर कर सकें।
मोदी ने कहा कि सैन्य अधिकारी की इस तरह की सोच को नहीं भुलाया जा सकता। मोदी ने अपने अभिभाषण में सर्जिकल स्ट्राइक, वन रैंक-वन पेंशन के अलावा जवानों के पराक्रम का भी जिक्र किया।