बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा): घुमारवीं उपमंडल के कगहरानी गांव से मामला जुड़ा हुआ है। 85 साल के भूतपूर्व सैनिक देवी शरण अपनी 80 वर्षीय पत्नी प्रेमी देवी शर्मा के साथ घर पर अकेले थे। 15 जून की सुबह दंपत्ति पर हमला कर दिया जाता है।
यकीन मानिए कि एक ऐसा शख्स जिसने 1962 में चीन ऑपरेशन के अलावा 1965 व 1971 की लड़ाई लड़ते वक्त अपनी एक टांग गंवा दी थी, वही शख्स आज ऐसी बेबसी से पुलिस की लचर कार्यप्रणाली को देख रहा है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को दंपत्ति के दोहते माधव शर्मा ने हमले से घायल दंपत्ति की मार्मिक तस्वीरें भेजी हैं। साथ ही पाठकों से न्याय दिलवाने में मदद का आग्रह किया है।
हमले की वजह जो भी रही हो, लेकिन भूतपूर्व सैनिक की पत्नी को घायल हालत में पीजीआई चंडीगढ़ रैफर किया गया। आप यह भी जानकर हैरान होंगे कि बुजुर्ग महिला की 8 दिन तक सर्जरी नहीं की जा सकी, क्योंकि उनकी ह्रदयगति व ब्लड प्रैशर स्थिर नहीं था। सवाल उठता है कि क्या इस संगीन मामले में हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए था।
प्रश्न यह भी है कि जब एक समय में देश के जांबांज सिपाही रहे शख्स देवी शरण को ही पुलिस से न्याय लेने में इस तरह की परेशानी पेश आ रही है तो आम व्यक्ति के हालात क्या हो सकते थे। पुलिस यह कहकर पल्ला झाड़ रही है कि जमीनी विवाद से मामला जुड़ा हुआ है। मेडिकल रिपोर्ट में ही गंभीर चोटें आने की सूरत में सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
इस मामले में एसपी बिलासपुर से बात नहीं हो पाई है। लिहाजा अगर पुलिस का पक्ष सामने आता है तो प्राथमिकता से प्रकाशित किया जाएगा।