शिमला : राजधानी में एक कारोबारी के बैंक खाते से शातिर ठग ने 11.90 लाख रुपये निकाल लिए। ट्रू-कॉलर पर कारोबारी की आईडी शो कर आरोपी ने बैंक अधिकारियों को विश्वास में लिया और आरटीजीएस के माध्यम से लाखों रुपए ठग लिए।
शिकायतकर्ता रूपिन रेखी का कम्प्यूटर व लेपटॉप का अपना कारोबार है और न्यू शिमला थाना अंतर्गत उपनगर खलीनी में सेटेलाइट कम्प्यूटर एंड इलेक्ट्रॉनिक के नाम से उनका शोरूम है। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आरोपी ने पहले शोरूम में फोन कर लेपटॉप खरीदने के बहाने रूपिन रेखी के बैंक खाते व व्यक्तिगत मोबाइल नम्बर की जानकारी ली और उसके बाद धोखाधड़ी को अंजाम दिया। इस पूरे घटनाक्रम में धोखाधड़ी करने वाला इतना शातिर है कि उसने फोन कॉल पर आने वाले ट्रूॅ-कॉलर को ही बदल डाला।
रूपिन रेखी ने शिकायत दर्ज करवाई है कि 07 जनवरी को उनके साथ 11.90 लाख रुपए की धोखाधड़ी हो गई। शिकायत के अनुसार एक अज्ञात शख्स का उनके शोरूम में फोन आया। जिसमें कहा गया कि उसे 10 लेपटॉप खरीदने हैं और इनकी पेमेंट ऑनलाइन करने के लिए उसने बैंक खाते की जानकारी हासिल की। इसके बाद आरोपित ने यूको बैंक के अधिकारी को फोन कर कहा कि वह शिकायतकर्ता यानी रूपिन रेखी बोल रहा है और निवेश के मकसद से उसे 11.90 लाख रुपये की आवश्यकता है तथा इसका आरटीजीएस करवाया जाए। ठग ने ट्रू-कॉलर पर कारोबारी की आईडी फोटो के साथ लगा रखी थी।
बैंक के सम्बंधित अधिकारी की तरफ से कहा गया कि बिना चेक के आरटीजीएस नहीं किया जा सकता, इस पर अज्ञात कॉलर ने कहा कि मैं आपको दो चेक भेज रहा हूं। जैसे ही चेक पहुंचे, तो बैंक अधिकारी ने 4.40 लाख और 7.50 लाख का आरटीजीएस कर दिया।
शिकायतकर्ता ने पुलिस से आरोपित के खाते को फ्रीज कर रकम को वापिस करवाने का आग्रह किया है। जिला पुलिस अधीक्षक ओमापति जंबाल ने बताया कि मामले में पुलिस ने अज्ञात आरोपित के खिलाफ धारा-420 धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपित के पास चैक बुक कैसे पहुंचे, यह जांच का विषय है।
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