राजगढ़ : चंद माह पहले पूरी सरकार ही पच्छाद में उपचुनाव को लेकर बैठ गई थी। ऐसे वादे किए गए जो अविश्वसनीय लग रहे थे। अब इसी पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र का राजगढ़ उपमंडल 96 घंटे से अंधेरे में डूबा हुआ है, लेकिन लाचार सरकार के पास कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिससे लोगों को राहत मिल सके। स्थिति यह है कि अब लोगों को ही टूटे खंभों व तारों की मरम्मत के लिए जोखिम उठाकर मैदान में उतरना पड़ गया है। आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि सिरमौर का सबसे प्रगतिशील इलाका राजगढ़ को ही माना जाता है। सोलन व शिमला से इसकी…
Author: शेरजंग चौहान
राजगढ़ : क्षेत्र की नामी शख्सियत पंडित मोहन दत्त शर्मा (78) के निधन पर समूची घाटी शोक की लहर में है। एमडीएस के नाम से मशहूर शर्मा शिरगुल देवता के छोटे भाईदधेश्वर महाराज के भंडारी के तौर पर भी अपनी अलग पहचान रखते थे। दिवंगत शर्मा की गणना इलाके के बुद्धिजीवियों में की जाती थी। मूलतः मणौण गांव के रहने वाले दिवंगत शर्मा ने फागू स्कूल के उत्थान के लिए कई कार्य किए। स्कूल को सड़क से जोड़ने के लिए अपने खेतों को दान कर दिया था। क्षेत्र के सैंकड़ों लोगों ने अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया। साथ ही उनके…
राजगढ़ : एक ओर परम्पराएं जन्म लेती हैं तथा दूसरी ओर गुमनामी के अंधेरे में समा जाती हैं। राजगढ़ क्षेत्र में सदियों से चली आ रही ‘‘हुशु’’ की परम्परा ने दम तोड़ दिया है। यह ‘‘रोशनी का खेल’’ पहली दिवाली के रूप में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता था। इस त्योहार को ग्रामीण लोग ‘‘धराड़ी री आठ्यो’’ यानि ‘‘दुर्गाष्टमी’’ के नाम से हर घर में मनाते थे। परन्तु बच्चों के घर में न रहने के कारण यह अब बीते दिनों की बात हो गई है, क्योंकि इस आयोजन को सम्पन्न करने में बच्चों का सबसे अधिक योगदान हुआ करता…
राजगढ़ : शहीद के अपमान को लेकर राजगढ़ उपमंडल के हाब्बन से बेहद विचलित करने वाली खबर आई है। एक ओर पूरा देश, स्वतंत्रता का जश्न मना कर शहीदों की कुर्बानियों को याद कर रहा था। वहीं दूसरी ओर एक मां जो अपने शहीद पुत्र के शव आने पर अपने आंसू पी गई थी, आज वो आंसू 17 साल बाद फूट पड़े और थमने का नाम नहीं ले रहे थे। ये आंसू, बेटे के गम में ही नहीं बह रहे थे, बल्कि शहीद बेटे की प्रतिमा को तोड़ने वालों की संवेदनहीनता के बाद दोहरे दुख में बह रहे थे। देश…
राजगढ़ : सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले राशन में इस बार हिमाचल के राजगढ़ में चने की दाल में खराबी पाई गई है। जिसकी कई ग्रामीणों ने शिकायत की तो स्वयं संवाददाता ने डिपो में जाकर जांच-पड़ताल की। तब पता चला कि उपभोक्ताओं की शिकायत जायज है। उस दाल के पैकेट को जब बाहर से छू कर देखा तो उसमें पहले जैसी नरमी नहीं थी, बल्कि बीच-बीच में सख्त डलियां होने का आभास हो रहा था। शिकायत दूर करने के लिए जब उस पैकेट को खोला तो उसमें दो रंग की यानि सफेद और पीले रंग…