शिमला (एमबीएम न्यूज़) : भाजपा विधायक राजीव बिंदल ने अपने विधानसभा क्षेत्र नाहन में आईपीएच परियोजनाओं की खस्ता हालत और हैंडपंपों का मसला बुधवार को विधानसभा में उठाया। विपक्ष की ओर से सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य महकमे पर लाए गए कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बिंदल ने कहा कि नाहन में अधिकतर उठाउ पेयजल स्कीमें खड़ों पर बनी हैं। इन स्कीमों में ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगा है तथा लोगों को बिना फिल्टर पानी पिलाया जा रहा है।
बिंदल ने कहा कि नाहन बहुत महत्वपूर्ण शहर हैं और गिरी परियोजना के बिना शहर का सर्वाइवल बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में इस परियोजना का शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया था। परियोजना के पूर्णता के लिए 52 करोड़ की धनराशि की आवश्यकता है तथा आगामी वितीय वर्ष के बजट के लिए सरकार को कम से कम 20 करोड़ का प्रावधान करना चाहिए।
बिंदल ने कहा कि नाहन व पांवटा विधानसभा क्षेत्र की 40 टयूबबैलों की डीपीआर आज तक नहीं बन पाई है, ऐसे में अब इन क्षेत्रों में पीने के स्त्रोत खत्म होने के कगाम पर हैं।
बिंदल ने अधिकतर आईपीएच परियोजनाओं में लगी पाइपों की गुणवता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि चूड़न गांव में 8 करोड़ की धरक्यारी स्कीम इस वजह से बर्बाद होने के कगार पर है। उन्होंने कहा कि पदूणी में गिरी उठाउ योजना, शहीद कुलबिंद्र सिंचाइ योजनाओं सहित अन्य कुछ योजनाओं की स्थिति बदतर है और इस पर सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि नाहन में हैंडपंप लगाने के नाम पर खूब राजनीति हो रही है। हल्के के 55 फीसदी हैंडपंप खराब हैं, जिन्हें दुरूस्त करने को लेकर विभाग को 150 पत्र लिखे गए हैं। मगर अधिकारी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। उनका यह भी आरोप था कि कांग्रेस के छुटभैया नेताओं के कहने पर अधिकारियों द्वारा ऐसे क्षेत्रों में हैंडपंप लगाए जा रहे हैं, जहां पानी की सुविधा पहले से ही उपलब्ध है।
बिंदल ने कहा कि क्षेत्र के चाकली, बनेटी, क्यारी, कोलवाला, बर्मापापटी, सोंतरा, देवकापरता आदि ग्राम पंचायतों में बीते 3 साल से एक भी हैंडपंप नहीं लगा है।