नाहन (रेणु कश्यप): शॉपिंग का कन्सेप्ट बदल चुका है। एक मूलमंत्र बनाकर व्यवसाय को आगे बढ़ाया जाए तो सफलता मिलती है। ऐसा ही कुछ शहर की तंग कुम्हार गली में युवा व्यवसायी प्रदीप बतरा कर पाने में सफल हुए हैं। कामयाबी के पीछे की सोच लीक से हटकर है, लिहाजा पाठकों से प्रदीप की सफलता की बात साझा की जा रही है।
दिलचस्प विचार को आगे बढ़ाया। इसके मुताबिक शहर में एक कोई ऐसी दुकान नहीं थी, जहां पर लोगों को एक साथ ही चीज को कवर करने के लिए आकर्षक व गुणवत्ता से परिपूर्ण सामान मिल जाए। बैड, फ्रिज, टीवी, डायनिंग टेबल, चेयर व सोफा इत्यादि के कवर्स का बेहतरीन संग्रह है। दिवाली नजदीक है तो कई तरह की ऑफर भी दे रहे हैं।
पहले के कंसेप्ट के मुताबिक लोग बाजार में ही खरीददारी के लिए जाते थे, लेकिन अब तंग गलियों में भी शॉपिंग को निकलते हैं। हालांकि प्रदीप बतरा को कारोबार विरासत में छोटी सी दुकान से मिला था, लेकिन अलग मूलमंत्र से इसे आगे बढ़ाया तो सफलता भी हाथ आ रही है। कुल मिलाकर बात यह है कि अनूठी सोच से कहीं पर भी बैठकर कामयाबी को पाया जा सकता है।
दीगर है कि प्रदीप बतरा की पत्नी निशा बतरा भी फैशन के क्षेत्र में अपने व्यवसाय में खूब नाम कमा रही हैं। विशेष बातचीत के दौरान प्रदीप बतरा ने कहा कि घर की सजावट को लेकर अब लोगों को बड़े शहरों का रुख करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हर तरह की कलेक्शन को किया गया है। दीगर है, समूचे नाहन में प्रदीप बतरा ही हैं, जो हर तरह के कवर रखने में अपनी विशेषता बना चुके हैं। एकमात्र यहीं पर कवर्स मिलते हैं। इसके अलावा पर्दों व बैडशीटस की भी बेहतरीन कलैक्शन है।