सुंदरनगर (नितेश सैनी) : रूसा मतलब राष्ट्रीय उच्च शिक्षा आयोग, रूसा जब से प्रदेश विश्वविद्यालय बना तब से लेकर अब तक का सबसे बड़ा स्कैंडल है। यह शब्द भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय राणा ने सुंदरनगर में पत्रकार वार्ता में कहे। उन्होंने कहा कि रूसा का बैच अभी हाल ही में निकला है। इसमें अभिभावकों और विद्यार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अभी नया सत्र शुरू हुआ है और इस नए सत्र में फिर सिलेबस में बदलाव हुआ है और अब यूजीसी का सिलेबस शुरू करने की बात की जा रही है।
उन्होनें बताया कि 20 जून से कालेज खुले हैं अभी तक इकोनोमिक्स को छोडक़र कोई भी सिलेबस नहीं बनाया गया है। कालेज अध्यापकों के पास पढ़ाने के लिए विषय नहीं है। अजय राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री सफेद झूठ बोल रहे हैं कि टीचर फेल हैं। टीचर नहीं सरकार व मुख्यमंत्री फेल हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल का रूसा से पास ग्रेजुएट दर दर ठोकरें खा रहा है। देश के नामी गिरामी विश्वविद्यालय यहां के रूसा के सिलेबस को यूकिबैलेंस नहीं दे रहे हैं। हिमाचल के बच्चे इस सिलेबस के कारण न घर के रहे और न घाट के। तीन साल वह सिलेबस पढ़ा दिया गया जो यूजीसी के अंतर्गत नहीं था और अब उसे यूजीसी के तहत किया जा रहा है। परंतु सत्र का एक माह बीत जाने के बाद भी सिलेबस न छात्रों को और न ही टीचरों को उपलब्ध हो पाया है।
उन्होंने कहा कि हालत यह है कि किसी महाविद्यालय के 108 क्रेडिट के छात्र पास हैं तो किसी महाविद्यालय के 124 वाले भी फेल हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल की उच्च शिक्षा में लाल फीता शाही अपने शिखर पर है। मुख्यमंत्री दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई न कर जनता में झूठ बोल कर ध्यान भटका रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उनके गलत फैसलों के कारण त्राहि – त्राहि मची हुई है। हजारों विद्यार्थियों का कैरियर बर्बाद करके रख दिया गया है। रूसा के गलत होने का सबसे बड़ा प्रमाण है कि इसके प्रारूप में 3-4 बार बदलाव कर दिया गया। यह इतना बड़ा स्कैंडल है कि इसमें एक स्वतंत्र आयोग की जांच की आवश्यकता है। शायद वीरभद्र सिंह के राजनैतिक जीवन का युवाओं के साथ यह सबसे बड़ा धोखा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे युवा रूसा के कारण खून के आंसूओं के घूंट पीने को मजबूर हैं।