मंडी, 11 मई : गोहर उपमंडल की चैलचौक पंचायत के शमशानघाट पर यदि किसी शव को जलाना हो तो पहले यहां पूरे शमशानघाट की सफाई के लिए घंटों पसीना बहाना पड़ता है। उसके बाद जाकर शव जलाने की प्रक्रिया शुरू हो पाती है। दरअसल इस शमशानघाट पर जरा सी बारिश से इतना ज्यादा कीचड़ जमा हो जाता है, जिसके बाद यहां पांव रखने के लिए जगह नहीं होती। आज उस वक्त लोगों का पंचायत पर गुस्सा फूट पड़ा जब वह शव जलाने के लिए पहुंचे, लेकिन यहां मौजूद कीचड़ को देखकर आक्रोशित हो गए।
शव जलाने आए रमेश कुमार, गुरदयाल, राजू राम, मनोज कुमार, चमन शर्मा, संजीव कुमार, शशि कुमार, घनश्याम, संजय कुमार, राम सिंह, चमन आदि ने अपना रोष व्याप्त करते हुए बताया कि यह शमशानघाट 7 पंचायतों को कवर करता है। लेकिन चैलचौक पंचायत इसे व्यवस्थित रखने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। इन्होंने पंचायत से मांग उठाई है कि भविष्य में इस अव्यवस्था को पूरी तरह से सुधारा जाए।
लोगों के विरोध को देखते हुए चैलचौक पंचायत की प्रधाान इंद्रा देवी को खुद मौके पर आकर लोगों को शांत करवाना पड़ा। उन्होंने माना कि शमशानघाट पर अव्यवस्था है। यहां पानी की पाइप गलत ढंग से डालने के कारण कीचड़ पसर रहा है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि भविष्य में इस अव्यवस्था को पूरी तरह से सुधारा जाए। ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।