शिमला, 10 मई : हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष मौसम कड़े तेवर अपनाए हुए है। मई माह में जहां सूर्यदेव के गर्म मिजाज देखने को मिलते थे, वही इस बार समूचे हिमाचल (Himachal) में वर्षा का दौर जारी है। प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मई माह में बर्फ पड़ रही है, वहीं मध्यवर्ती और मैदानी इलाकों में वर्षा हो रही है। वर्षा के लगातार क्रम से तापमान में भी गिरावट आई है, जो अमूमन ज्येष्ठ माह में देखने को नहीं मिलती।
1987 के बाद मई माह में सामान्य से कम तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 36 वर्षों बाद मई महीने में सामान्य से कम तापमान दर्ज किया गया है। हालांकि आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र (Meteorological Center Shimla) के वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 12 मई तक मौसम साफ बना रहेगा। बीते 24 घंटों में शिमला, किन्नौर और चंबा के कुछ एक स्थानों में हल्की बारिश हुई है। वहीं 12 मई देर रात से पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) फिर हिमाचल प्रदेश में सक्रिय होगा, जिसके चलते मध्य व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश होगी वहीं किन्नौर व लाहौल स्पीति के कुछ भागों में बर्फबारी भी होने संभावना है।
उन्होंने कहा कि 12 मई तक तापमान में 3 से 5 डिग्री तक बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के केलांग और धर्मशाला में न्यूनतम तापमान का रिकॉर्ड टूटा है। केलांग में 9 मई को न्यूनतम तापमान माइनस 2.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, इससे पहले वर्ष 2019 में माइनस 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
वहीं धर्मशाला में 1 और 8 मई को 8.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, इससे पहले वर्ष 2009 में 8.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि मई के पहले सप्ताह में पूरे प्रदेश में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस तापमान कम दर्ज किए गए हैं। ऐसी स्थिति प्रदेश में वर्ष 1987 में देखने को मिली थी, जब तापमान सामान्य से कम चल रहा था।
1987 के बाद शिमला, मनाली, कल्पा, धर्मशाला, ऊना और पालमपुर का इस वर्ष सबसे कम अधिकतम और न्यूनतम पारा दर्ज हुआ है। 1988 से 2022 के दौरान मई में तापमान अधिक दर्ज हुआ है, लेकिन इस वर्ष पश्चिमी विक्षोभ के अधिक सक्रिय होने से मई में भी कई क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
मौसम की जानकारी देते वैज्ञानिक संदीप शर्मा।