शिमला, 18 अक्तूबर : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में 2017 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में कांग्रेस (Congress) व भाजपा (Bharatiya Janata Party) की मत प्रतिशतता का अंतर 7.1 प्रतिशत था। हालांकि, भाजपा ने 68 विधानसभा क्षेत्रों में 48.79 प्रतिशत वोट हासिल कर 44 सीटें जीती थी। लेकिन कांग्रेस की मत प्रतिशतता भी कम नहीं थी। कांग्रेस को 41.68 प्रतिशत वोट पड़े थे।
दीगर है कि 11 प्रतिशत के करीब वोट अन्य राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों को हासिल हुए थे। यानि, पिछले चुनाव में 11 प्रतिशत मतदाताओं ने प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ वोट किया था।
मतों की बात की जाए तो भाजपा ने 68 हलकों में 18 लाख, 46 हजार 432 वोट प्राप्त किए, जबकि कांग्रेस के खाते में 15 लाख, 77 हजार 450 मत आए थे। दो विधानसभा क्षेत्रों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत का सेहरा पहना था। विजयी निर्दलीय प्रत्याशियों का वोट शेयर 6.34 प्रतिशत रहा था। निर्दलीय प्रत्याशियों को 2 लाख 39 हजार 989 वोट मिले थे।
पिछले चुनाव में 1.7 प्रतिशत वोट ऐसे भी थे, जो अन्य राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों के हिस्से आए थे। ये वोट इस बार किस तरफ खिसकेंगे, इस बारे कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन इतना जरूर है कि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी व राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी प्रत्याशी उतार रही है। ये दल, कांग्रेस व भाजपा के खेमे में सेंधमारी कर पाएंगे या नहीं, इसका खुलासा 8 दिसंबर 2022 को चुनावी नतीजों के बाद स्पष्ट होगा।
खास बात ये भी है कि भाजपा ने निर्दलीय प्रत्याशियों को एसोसिएट बनाने के बाद कुछ समय पहले ही भाजपा की सदस्यता दे दी थी। इस अंकगणित पर गौर किया जाए तो भाजपा इस चुनाव में करीब 55 प्रतिशत वोट शेयर पर गेम खेल रही है। ये अलग बात है कि निर्दलीय प्रत्याशियों को पार्टी में शामिल कर भाजपा को अंतर्कलह का भी सामना करना पड़ रहा है।
2017 के चुनाव में सीपीआईएम ने एक सीट पर कब्जा किया। वोट शेयर 1.47 का था। पार्टी को 55,558 वोट प्राप्त हुए थे।