नाहन, 18 दिसंबर : करीब चार दशक से अधर में लटकी 40 मैगावाॅट (Megawatt) की श्री रेणुका बांध परियोजना में शिलान्यास (foundation stone laying) से पहले ही करीब 800 करोड़ की राशि खर्च हो चुकी है। इसमें सबसे बड़ीे भागीदारी विस्थापितों (Oustees) को आबंटित राशि है। भूमि अधिग्रहण के बदले 431 करोड़ रुपए के करीब आबंटित (Allotment) हो चुका है, वहीं लगभग 216 करोड़ रुपए की राशि अलग-अलग न्यायालयों में जमा है, क्योंकि मुआवजे को लेकर कई केस पेंडिंग हैं।
पर्यावरण क्लीयरेंस (environmental clearance) पर ही हिमाचल प्रदेश पावर काॅर्पोरेशन लिमिटेड (HPPCL) को 15.32 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े हैं। इसके अलावा अलग-अलग मदों में भी राशि खर्च हुई है। खास बात ये भी है कि मुआवजे के वितरण (distribution of compensation) का कार्य सालों से चल रहा है। मुआवजा मिलने के बाद भी पावर काॅर्पोरेशन ने अधिकृत भूमि (occupied land) को खाली नहीं करवाया है। इसकी वजह यही रही है कि डैम का कार्य शुरू नहीं हो रहा था। हालांकि, ये बात पहले सामने आ रही थी कि 27 दिसंबर को जयराम सरकार के चार साल पूरा होने पर मंडी में आयोजित हो रहे कार्यक्रम में इस परियोजना का शिलान्यास भी किया जाएगा। ये कार्यक्रम शनिवार को कन्फर्म हो गया। आधिकारिक (official) तौर पर भी पुष्टि हो गई।
बता दें कि रॉकफिल डैम (Rock fill Dam) के निर्माण से एक ऐसा जलाशय (Lake) भी बनेगा, जो अपने आप में ही आकर्षण का केंद्र होगा। गिरिनदी पर प्रस्तावित इस बांध से उत्पादित होने वाली 40 मैगावाॅट बिजली का 100 फीसदी हकदार हिमाचल ही है। इस डैम से डिस्चार्ज होने वाले पानी से दिल्ली की प्यास तो बुझनी ही है, साथ ही पड़ोसी राज्यों को भी यमुना नदी के जरिए पानी उपलब्ध होगा।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में हिमाचल के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि शनिवार को शिमला में बैठक हुई है, ताकि शिलान्यास को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू की जा सकें। उन्होंने कहा कि मंडी के कार्यक्रम से बांध परियोजना का शिलान्यास होगा। बाद में शिलान्यास पट्टिका को डैम साइट पर ही लगाया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट की क्लीयरेंस के बाद ये परियोजना शिलान्यास के स्तर तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि मौजूदा जयराम सरकार की ये एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि दशकों से लंबित पड़े इस प्रोजैक्ट को लेकर पिछली कांग्रेस सरकारों ने कुछ नहीं किया।
इसी बीच उपायुक्त आरके गौतम ने कहा कि शिलान्यास को लेकर आधिकारिक कार्यक्रम तय हो गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उपायुक्त ने एक सवाल के जवाब में माना कि अब तक डैम पर लगभग 800 करोड़ का खर्चा किया जा चुका है। इसमें विस्थापितों के लगभग 647 करोड़ रुपए भी शामिल हैं।