शिमला , 08 अक्तूबर : सूबे में उपचुनाव के बीच राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं। चुनावी बेला में राजनेताओं के बयान काफी मायने रखते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे व विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कर्मचारियों को पटकने वाले विवादास्पद बयान पर माफी मांगी है।
विक्रमादित्य सिंह ने आज मंडी में एक न्यूज वेब चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि कर्मचारियों एवं शिक्षकों को लेकर जोश-जोश में उनका बोलने का तरीका थोड़ा गलत हो गया था। वह एक युवा हैं और खुद को बड़ा व्यक्ति नहीं मानते। उस शब्दाबली के लिए मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं। हालांकि विक्रमादित्य सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि वो अपने स्टैंड पर अभी भी कायम हैं, क्योंकि उनके बयान के पीछे उनकी मूल भावना यह है कि कोई भी अध्यापक व कर्मचारी अगर राजनीति करेगा और नेताओं की शह लेगा, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उनका बयान उन दो तिहाई फीसदी कर्मचारियों व शिक्षकों को लेकर था, जो पार्टी लाइन पर काम कर रहे है और भाजपा सरकार के पिटठू बने हुए हैं। ऐसे कर्मचारियों की वजह से विक्रमादित्य सिंह का नहीं बल्कि प्रदेश की जनता का नुकसान हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के आईटी सैल ने उनके बयान को सोशल मीडिया पर वायरल किया और इस बयान के जरिए ये दर्शाया गया कि हम कर्मचारियों व शिक्षकों के विरोधी हैं और इनका हित नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की वीरभद्र सिंह सरकार हमेशा कर्मचारियों की हितैषी रही है।