केलांग, 13 अगस्त : शुक्रवार सुबह भूस्खलन के लाखों टन मलबे ने चंद्रभागा नदी का रास्ता रोक दिया था। बहाव रुकने के कारण आसपास के तीन गांवों के लिए खतरा पैदा हो गया। नालड़ा के नजदीक अचानक ही पहाड़ी दरक गई। शाम होते-होते चंद्रभागा ने राहत देते हुए मलबे के ऊपर से ही अपना रास्ता बना लिया। हालांकि मलबे के पीछे कुछ फीट पानी रुक गया है, लेकिन बहाव अब इसके ऊपर से होने लगा है। राहत की बात ये भी थी कि मलबा गिरने के बाद धीरे-धीरे चंद्रभागा नदी का जलस्तर भी कम हो गया था।
उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले भी भूस्खलन के कारण चंद्रभागा का प्रवाह रुक गया था। उधर, दोपहर बाद कैबिनेट मंत्री रामलाल मार्केण्डेयर ने मौके का जायजा लेकर ग्रामीणों से बातचीत की। ये पता चला है कि बहाव रुकने के कारण कृषि भूमि व गौशाला को नुक्सान पहुंचा है।
उधर, सूबे के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू के अलावा मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने भी मौके का जायजा लिया। इस दौरान सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने चंद्रभागा में बढते जलस्तर के कारण प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने के निर्देश भी दिए। बता दें कि भूस्खलन सुबह 9 बजे के आसपास हुआ था। पुलिस ने बहाव रुकने के कारण तुरंत ही नदी के आसपास बसे लोगों को घर खाली करने के निर्देश दे दिए थे। अगर जल बहाव सामान्य नहीं होता तो लाहौल घाटी के करीब एक दर्जन गांवों के प्रभावित होने की आशंका थी।
एक अन्य जानकारी के मुताबिक बहाव रुकने के कारण तारंग गांव में देवी सिंह व सुशील का घर पूरी तरह से पानी में डूब गया था। देवी सिंह की तीन भेड़ें व दो गाय भी पानी में डूब गई। डीडीएमए ने सरकार को सूचना दी कि अब रुकावट के ऊपर से जल प्रवाह शुरू हो गया है। जलस्तर धीरे-धीरे खतरे के स्तर से नीचे आ रहा है।