नाहन, 21 जुलाई : उपायुक्त रामकुमार गौतम ने जिला स्तरीय पौधारोपण महाअभियान का शुभारंभ नाहन के विला राऊंड में पौधा रोपित करते हुए कहा कि इस अभियान को दिल से जोडे और रोपित किए गए पौधो की आजीवन देखभाल करे। ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वातावरण उपलब्ध हो सके।
पौधारोपण के उपरान्त अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि माननीय राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने हिमाचल प्रदेश रेडक्रॉस सोसायटी के तत्वावधान में राज्य स्तरीय पौधारोपण अभियान की शुरूआत आज शिमला से की, जिसके अंतर्गत सिरमौर में जिला स्तरीय पौधारोपण महाअभियान की शुरूआत नाहन से की गई।
इस दौरान सभी उप मंडलों में भी पौधारोपण किया गया। बुधवार को पूरे जिला में लगभग 11 हजार 300 पौधे रोपित किए गए। जबकि इस अभियान के तहत अगले एक माह में लगभग 20 हजार पौधे रोपित किए जाएगें। आज रोपित किये गए पौधों की सुरक्षा के लिए मनरेगा के तहत स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित पर्यावरण के अनुकूल बांस के बने ट्री गार्ड लगाए जाएंगे।
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने आसपास प्रदूषण न फैलाएं और जहां भी संभव हो वहां पौधारोपण कर पौधो की आजीवन देखभाल भी करें। वायु, पानी, धरती और आकाश को शुद्ध रखने के लिए हमें पर्यावरण को स्वच्छ रखना होगा जिसके लिए गीले और सूखे कूड़े का अलग-अलग सही तरीके से निष्पादन होना अनिवार्य है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक केसी शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त सोनाक्षी सिंह तोमर और सहायक आयुक्त प्रियंका चन्द्रा, उपाध्यक्ष एमसी नाहन अविनाश गुप्ता, पार्षद मधु अत्री सहित अन्य अधिकारियों व नेहरू युवा केन्द्र, रोटरी क्लब ऑफ नाहन सिरमौर हिल्स, होमगार्ड के जवान, पुलिस के जवान, एनसीसी, एनएसएस, पर्यावरण संरक्षण समिति, इनरविल क्लब ऑफ नाहन क्लासिक के सदस्यों ने भी पौधारोपण किया। इस दौरान एमसी क्षेत्र नाहन में 100 से अधिक पौधे रोपित किए गए। इसके अतिरिक्त केंद्रीय आदर्श कारागार नाहन में 500 पौधे रोपित किए गए।
उपमंडल नाहन के जोहडो में 550 पौधे, नाहन पंचायत की धार क्यारी में 2200 पौधे और कमलाड की खैरी चांदण में 1100 पौधे रोपित किए गए। पौधारोपण महाअभियान के तहत उपमण्डल पांवटा साहिब में सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की मदद से लगभग 1000 पौधे रोपित किए गए। इसी प्रकार राजगढ उपमंडल के तहत आरक्षित वन राजगढ सी-2 में लगभग आधे हेक्टेयर भूमि पर देवदार के 150 पौधे और हाब्बन के शिलांजी में मीडिल स्कूल के साथ लगती एक हेक्टेयर भूमि पर लगभग 800 पौधे रोपित किए गए।