मंडी, 23 जून : बतौर डीसी मंडी 3 साल 5 महीने 17 दिनों के बेहतरीन कार्यकाल को पूरा करने के बाद 2011 बैच के आईएएस अधिकारी ऋग्वेद ठाकुर छोटी काशी से विदा लेते हुए राजधानी शिमला के लिए रवाना हो गए हैं। आज उन्होंने तबादले के बाद खुद को इस पद से भारमुक्त कर दिया।
मूलतः महाराष्ट्र के रहने वाले ऋग्वेद मिलिंद ठाकुर ने 6 जनवरी 2018 को बतौर डीसी मंडी अपना कार्यभार संभाला था। इससे पहले वे डीसी बिलासपुर और एडीसी मंडी के पद पर भी अपनी बेहतरीन सेवाएं दे चुके हैं। अब उन्हें राज्य सरकार ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग का निदेशक नियुक्त किया है। अब ऋग्वेद ठाकुर शिमला में अपनी सेवाएं देंगे। लगभग साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल के दौरान ऋग्वेद ठाकुर ने हर वर्ग के उत्थान के लिए काम करने का प्रयास किया।
ऋग्वेद ठाकुर जिला के 7वें ऐसे डीसी हैं, जिन्होंने तीन वर्षों से अधिक समय तक यहां पर अपनी सेवाएं दी। उनकी सबसे ज्यादा खासियत यह रही कि वे सभी के साथ मिलनसार रहे। हर समय चेहरे पर मुस्कान रखकर बात करने वाले ऋग्वेद ठाकुर ने जरूरत पड़ने पर सख्ती भी दिखाई और नरमी भी बरती। सत्ता पक्ष के साथ-साथ उन्होंने विपक्षी दलों की बातों को भी पूरी गंभीरता से सुना और उनके समाधान किए।
यही कारण है कि विदाई के मौके पर उनके कार्यालय में दिनभर मिलने वालों का तांता लगा रहा और लोगों ने उन्हें उनके बेहतरीन कार्यकाल के लिए बधाई देने के साथ भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी। मुख्यमंत्री के गृह जिला का डीसी बनना किसी भी अधिकारी के लिए गर्व की बात होती है लेकिन साथ ही यद पद चुनौतियों भरा भी बन जाता है। लेकिन ऋग्वेद ठाकुर ने हर चुनौती से पार पाते हुए सभी को समान दृष्टि से देखकर कार्य किए।
ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि जो जिम्मेदारी उन्हें सरकार की तरफ से दी गई थी उसे उन्होंने बखूबी निभाने का प्रयास किया है और भविष्य में जो जिम्मेदारी मिली है उसे भी बखूबी निभाने का प्रयास करेंगे। मंडी जिला की जनता की तरफ से कार्यकाल के दौरान भरपूर प्यार और सहयोग मिला, जिसे वे कभी नहीं भुला पाएंगे। जाने से पहले उन्होंने मंडी जिला वासियों का आभार जताया है और सभी के लिए मंगल कामना की है।