शिमला, 20 मार्च : राजधानी शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में कोरोना काल में सैंकड़ों डॉक्टरों ने सेवाएं दीं। मार्च 2020 से 18 मार्च 2021 तक 728 डॉक्टरों ने कोरोना काल के दौरान अपनी सेवाएं दी हैं। इस दौरान 225 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कोरोना काल के दौरान विशेष कोविड सेंटर में 205 डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं दी। भाजपा के विनोद कुमार के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने शनिवार को प्रश्नकाल में ये जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से लड़ाई में डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मियों ने भी सेवाएं दी हैं। इसे देखते हुए सभी कर्मचारियों को सरकार सम्मानित करेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना सेवाएं देने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को इंसेंटिव देने का अभी सरकार कोई विचार नहीं रखती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के अब तक 60,207 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें 1024 एक्टिव केस हैं। कोरोना संक्रमण से 1003 लोगों की मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि सूबे में 1.90 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लगी है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में एक ही चिकित्सक की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है। इसके अलावा किसी अन्य स्टाफ की इस संक्रमण से मौत नहीं हुई है।
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