शिमला, 2 मार्च : कांग्रेस विधायकों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष ने मंगलवार को हंगामा करने के बाद सदन से वॉकआउट कर दिया। सुबह 11 बजे सदन की कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा में घटित घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित कांग्रेस के पांच विधायकों के निलंबन को रद्द करने का अनुरोध किया।
सुक्खू ने कहा कि जब तक कांग्रेस विधायकों के निलंबन को रद्द नहीं किया जाता, तब तक विपक्ष सदन की कार्रवाई को चलने नहीं देगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस विधायकों की तरफ से धक्का-मुक्की नहीं हुई। कांग्रेस की आशा कुमारी ने इस मामले में विस उपाध्यक्ष और भाजपा के एक मंत्री को कसूर वार ठहराया। उन्होंने भी पांचों कांग्रेस विधायकों का निलंबन वापिस लेने की पुरजोर वकालत की। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विपक्ष को सलाह दी कि निलंबित कांग्रेस विधायक अगर इस घटनाक्रम के लिए राज्यपाल से माफी मांगते हैं, तो एक टेबल पर बैठकर इस मुद्दे का हल निकाला जाएगा।
विस अध्यक्ष विपिन परमार की अनुमति के बाद विस उपाध्यक्ष हंसराज जब इस मुद्दे पर बोलने के लिए खड़े हुए, तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान विपक्ष के सदस्य जब बैल की ओर जाने लगे, तो कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह व विस उपाध्यक्ष आमने-सामने हुए और दोनों के बीच नोक झोंक हुई। नौबत यहां तक आ गई कि विस अध्यक्ष विपिन परमार ने विधायक को यह नसीहत दे डाली कि वे उपाध्यक्ष के साथ न उलझें।
सदन के नेता व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने वक्तव्य में विपक्ष के व्यवहार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के पहले दिन की घटना को विपक्षी सदस्य फिर दोहरा रहे हैं। यह इनकी आदत हो गई है। राज्यपाल के साथ हुए अशोभनीय व्यवहार पर मुख्यमंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्ष ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को तहस-नहस किया है। राज्यपाल जब प्रस्थान के लिए गाड़ी में बैठते हैं, तो कांग्रेस विधायकों ने उनकी गाड़ी को तोड़ने की कोशिश की। कांग्रेस के विधायकों की मंशा सही नहीं थी।
राज्यपाल की सुरक्षा का ज़िम्मा संभाल रहे एडीसी के साथ भी विपक्षी सदस्यों ने बदसलूकी की। कांग्रेस विधायकों का यह कृत्य माफी करने योग्य नहीं है। यह उनकी बोखलाहट को दर्शाता है। कांग्रेस की राजनीतिक जमीन खिसकती जा रही है। मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बीच में विपक्षी सदस्य नारेबाज़ी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए। बाद में विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने सदन में कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया है। उन्हें कांग्रेस के जुड़े लोगों से भी खुद को लाइफ की थ्रैट बताई। हंसराज ने विस अध्यक्ष से उन्हें संरक्षण देने की भी मांग उठाई।