हरिपुरधार/सुरेंद्र चौहान
स्टाफ की भारी कमी के चलते शुक्रवार को डिग्री कॉलज हरिपुरधार के छात्र-छात्राओं के सब्र का बांध टूट गया। सुबह कॉलेज पहुंचते ही छात्रों ने कॉलेज के मुख्य गेट में ताला जड़ दिया। उसके बाद गुस्साए सभी छात्र छात्राएं नारेबाजी करते हुए बाजार में पहुचे। छात्रों ने बाजार के मुख्य चौराहे पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ओर धरने पर बैठ गए। छात्रों ने साफ-साफ कहा कि जब तक सरकार कॉलेज में रेगुलर स्टाफ नहीं भेजती, तब तक उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।
खास बात यह रही कि तीनो संगठन एबीवीपी, एनएसयूआई व एसएफआई ने एकजुट होकर स्टाफ की कमी को लेकर मोर्चा खोला। रॉबिन, नितिन, रजत, रोहित, दीपिका, पूजा, कुमारी रजनीश, नेहा व रितिका आदि छात्र-छात्राओं ने बताया कि कॉलेज में पहले ही मात्र 5 लेक्चरर हैं। पिछले दिनों उन में से भी 2 लेक्चरर्स को 4 दिनों के लिए संगड़ाह कॉलेज में डेप्यूट किया गया है। कॉलज में 228 बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र 3 ही लेक्चरर शेष रहे गए हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, इंग्लिश मैथ फिजिक्स, कॉमर्स व केमेस्ट्री समेत कई प्रमुख विषयों के पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। छात्रों ने बताया कि 11 महीने तक कोरोना की वजह से पढ़ाई ठप रही। अब जबकि वार्षिक परीक्षाओं के लिए मात्र एक महीने का समय शेष बचा है, सरकार टीचर्स को इधर से उधर करने में लगी है। सरकार की इस नाकामी का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
नायब तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन…
धरना-प्रदर्शन के बाद एसएफआई का एक प्रतिनिधि मंडल राज्य सचिव अमित ठाकुर की अगुवाई में नायब तहसीलदार हरिपुरधार तुलसी राम से मिला। छात्रों के प्रतिनिधि मंडल ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेज के कॉलेज में टीचरों के खाली पड़े पदों को भरने की मांग की। नायब तहसीलदार तुलसी राम ने छात्रों को आश्वासन दिया कि सोमवार तक कॉलज में स्टाफ की व्यवस्था की जाएंगी। एसएफआई ने चेतावनी दी कि यदि सोमवार तक स्टाफ की व्यवस्था नहीं कि गई तो मंगलवार से शिक्षा बंद के आह्वान के साथ क्रमिक अनशन शुरू किया जायेगा। जिसकी सरकार स्वं जिम्मेदार होगी।