नाहन, 12 जनवरी : हिमाचल के शहरी निकाय चुनाव में 23 साल की श्रुति चौहान भी पार्षद बनी है। पहली बार राजनीति में उतर कर विजय हासिल की है। खास बात ये है कि यंग पार्षद ने बीजेपी से वार्ड को छीना है। बीजेपी की निवर्तमान चेयरपर्सन रेखा तोमर 2015 में इसी वार्ड से चुनाव जीती थी। लिहाजा श्रुति के सामने डगर आसान नहीं थी। साधारण से परिवार में जन्मी श्रुति पढ़ाई के साथ- साथ निजी नौकरी भी कर रही है।
कांग्रेस के बहुमत हासिल करने की सूरत में चेयरपर्सन पद की दावेदार भी हो सकती थी। ये पद एससी महिला के लिए आरक्षित है। निगाहें इस बात पर टिकी हुई है कि क्या हिमाचल में वो सबसे कम उम्र की पार्षद है। 25 अगस्त 1997 को जन्मी श्रुति चौहान ने कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के तौर पर राजनीति में कदम रखा। 28 मतों से जीत दर्ज की। श्रुति चौहान ने भाजपा की तुलसा कश्यप को चुनावी मैदान में पटखनी दी।
नगर परिषद नाहन के वार्ड नंबर चार शमशेर गंज से चुनाव लड़ीं श्रुति को कुल 327 मत हासिल हुए। जबकि, भाजपा समर्थित तुलसा कश्यप को 229 वोट हासिल हुए। श्रुति चौहान अभी स्नातक अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। हालांकि कॉलेज में वह एनएसयूआई की समर्थक जरूर रहीं, लेकिन उन्होंने एनएसयूआई में कभी भी सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर हिस्सा नहीं लिया। श्रुति चौहान ने कहा कि वह अभी ग्रेजुएशन कर रही हैं और अंतिम वर्ष के नतीजों का इंतजार है।
उन्होंने कहा कि वह राजनीति में आने का शौक रखती थीं और आज इसी का परिणाम है कि वह विजयी हुई हैं। बता दें कि पंचायतीराज चुनाव में प्रदेश में सबसे कम उम्र की प्रधान बनने का गौरव मंडी के सराज क्षेत्र के तहत आने वाली थरजून पंचायत के केलोधार गांव की रहने वाली जबना चौहान को प्राप्त है।
2016 में जबना चौहान थरजून पंचायत से बतौर पंचायत प्रधान चुनकर आई थी। उस वक्त जबना की उम्र 22 साल थी। अब नगर निकाय चुनाव में महज 23 साल में नाहन श्रुति पार्षद बनी हैं, जो प्रदेश में सबसे कम उम्र की पार्षद हो सकती है। दीगर है कि देश की सबसे युवा सरपंच जबना ने इस बार चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था।