संगड़ाह 18 नवंबर : चूड़धार के जंगल में डोडरा-क्वार के भेड़पालक बर्फबारी के बीच 18 घंटे तक अपने पशुधन के साथ भूखे प्यासे फंसे रहे। बर्फीली ठंड व भूख प्यास के कारण इनकी 5 भेड़ बकरियों की भी मौत हो गई। रविवार देर शाम जब अचानक बर्फबारी शुरू हुई, तो डोडरा-क्वार के भेड़ पालक मंगतराम व धनराज अपनी 400 भेड़ बकरियों के साथ चूड़धार के जंगल मे छडियारा नामक स्थान पर डेरा लगाए हुए थे। उनके पास न तो कोई टेंट था और न ही भेड़ बकरियां रखने का कोई अन्य व्यवस्था हो सकी। भेड़पालकों ने अपने पशुओं के साथ खुले आसमान तले ही डेरा जमा रखा था। भारी बर्फबारी के दौरान उन्होंने आग जलाने के काफी प्रयास किए, मगर तेज हवाओं व बर्फबारी के चलते उनके सारे प्रयास विफल हो गए। मजबूरन उन्हें बर्फबारी के बीच पूरी रात भूखे प्यासे रहकर जंगल मे खुले आसमान के नीचे गुजारनी पड़ी।
सोमवार दूसरे दिन भी दोपहर बाद तक बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। दोपहर तक जंगल मे करीब डेढ़ फुट से ज्यादा बर्फ जम चुकी थी। डेढ़ फुट बर्फ से ढके रास्ते से अपने पशुधन के साथ बड़ी मुश्किल से वह नौहराधार पंहुचे। भेड़पालक मंगतराम ने बताया कि, उन्होंने सपने में भी नही सोंचा था कि, नवंबर माह में ऐसी भारी बर्फबारी होगी। तेज हवाएं चलने व आग न जलने के चलते वह खाना नहीं बना सके।
अपने पुश्तैनी धंधे से आजीविका चलाने वाले भेड़पालकों के पास न तो वाटरप्रूफ कपड़े होते हैं, न बर्फ से निपटने की कोई विशेष व्यवस्था है और न ही तंबू होते है। इन्होंने सरकार से भविष्य में हिमपात के दौरान उन्हें यथासंभव मदद करने तथा उनकी सुध लेने की अपील की।