शिमला, 18 नवम्बर : जिला किन्नौर की निचार तहसील के काचे गांव में 27 वर्षीय युवक सुनील की हत्या (Murder) के मामले में परिजनों (Family) ने भावानगर पुलिस की कार्यप्रणाली (modus operandi) पर सवाल उठाते हुए कहा है कि बिलंब से एफआईआर (FIR) दर्ज होना पुलिस की मंशा (Intention) पर सवाल उठाता है। पुलिस की ओर से आरोपियों को बचाने की कोशिश की गई है। परिजनों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि मामले की जांच के लिए एसआईटी (SIT) का गठन किया जाए। साथ ही भावानगर थाना प्रभारी व एसपी किन्नौर को भी स्थानांतरित (Transfer) किया जाए।
मृतक सुनील के माता-पिता सहित परिजनों ने बुधवार को शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता (Press Conference) में यह मांग उठाई है। सुनील के मामा राजेश कुमार ने कहा कि गत 6 नवम्बर की रात साढ़े 9 बजे के करीब सुनील की तेजधार हथियार (Sharpened weapon) से हत्या की गई। इस घटना को काचे गांव में ही अंजाम दिया गया। सुनील काचे गांव के दो युवकों शशि व टीकम सिंह और नेपाली मूल के राजू के साथ एक गाड़ी में मौजूद था। इन्होंने गाड़ी में शराब का सेवन (Drink) किया और फिर सुनील की हत्या कर दी गई।
उन्होंने कहा कि भावानगर पुलिस ने इस पूरे मामले में दोनों स्थानीय युवकों शशि व टीकम सिंह को बचाने की कोशिश की है, जबकि नेपाली मूल के राजू को मोहरा बनाया गया है और हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार (Arrest) किया। राजेश कुमार ने कहा कि पुलिस कार्यवाही से नाखुश काचे के ग्रामीणों ने जब भावानगर में राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 (NH-05) पर चक्का जाम किया, तब दोनों स्थानीय लोगों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया। उन्होंने इस पूरे मामले में किन्नौर के छूटभैया भाजपा नेताओं पर सियासत करने का भी आरोप लगाया।
राकेश कुमार ने कहा कि इस मुद्दे पर शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसमें मामले की एसआईटी जांच और किन्नौर के एसपी व भावानगर के एसएचओ को स्थानांतरित करने की मांग की गई है। प्रेस वार्ता के दौरान मृतक सुनील के पिता विजय चंद, माता तिलु देवी, भाई नरेश और अनिल मौजूद रहे।