शिमला, 18 नवंबर : हिमाचल में सेब सीजन समाप्ति की ओर है। जनजातीय जिला किन्नौर का सेब मंडियों में पहुंच रहा है और यह भी कुछ मात्रा में ही बचा है। इस बार राज्य में सेब की पैदावार काफी कम हुई है। सेब का उत्पादन पौने दो करोड़ पेटियों से नीचे सिमटने के आसार हैं। सेब राज्य के रूप में विख्यात हिमाचल की आर्थिकी के लिए यह बड़ा झटका है। अब तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 1 करोड़ 60 लाख 27 हजार पेटियां देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचीं है, जो कि एक दशक का सबसे कम उत्पादन है। बीते साल राज्य में 2.94 करोड़ सेब पेटियों का उत्पादन हुआ था। 13 साल पहले वर्ष 2007 में 1.76 करोड़ पेटियों की पैदावार हुई थी।
हिमाचल प्रदेश बागवानी विभाग के सीनियर मार्केटिंग मैनेजर राजीव चंद्रा ने बताया कि अब तक 1.60 करोड़ पेटियां विभिन्न मंड़ियों में भेजी जा चुकी हैं। कहा कि पैदावार का अंतिम आंकड़ा फील्ड से एकत्र किया जा रहा है। लेकिन यह आंकड़ा दो करोड़ पेटियों से नीचे रहने का अनुमान है।
गौर हो कि हिमाचल में 2 साल पहले वर्ष 2018 में 1.82 करोड़ पेटियों का उत्पादन हुआ था। जबकि साल 2007 में 1.76 करोड़ पेटियों की पैदावार हुई थी। साल 2017 में राज्य में 2.23 करोड़ और साल 2016 में 2.18 करोड़ पेटियों की पैदावार हुई थी। साल 2015 में 3.90 करोड़ पेटियों का कारोबार हुआ था। साल 2010 में रिकॉर्ड 5.11 करोड़ पेटी उत्पादन था।
बागवानी विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतिकूल मौसम की मार से इस बार सेब का उत्पादन कम हुआ है। इनका कहना है कि गर्मियों में अत्यधिक ओलावृष्टि, अंधड़ और सर्दियों में असमय बर्फ पड़ने की वजह से कई इलाकों में सेब की फसल बर्बाद हो गई।