शिमला : हिमाचल प्रदेश (Himachal) में बस किराया(Bus fare) 25 फीसदी बढ़ाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। राज्य के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि बस किराये के मसले पर कैबिनेट (Cabinet) में केवल अनौपचारिक चर्चा हुई है, लेकिन इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया। हालांकि उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि बस किराए के संदर्भ में मिल रहे सुझावों के बाद किराया बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। गोविंद सिंह ठाकुर (Govind Singh Thakur) ने कहा कि बस किराया बढ़ाने का सरकार (Government) ने कोई फैसला नहीं किया है, अलबता लोगों से मिल रहे सुझावों पर इस पर विचार चल रहा है। परिवहन क्षेत्र (Transport) से जुड़े लोगों की तरफ से किराया बढ़ौतरी (Hike in fare) की मांग की जा रही है। कोरोना(corona) की वजह से समाज के अनेक वर्गों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है और इन्हें भारी आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है। हमारी सरकार की कोशश है कि हर वर्ग का ध्यान रखा जाए।
सनद रहे कि एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र ने बस किराए में 25 फीसदी की बढ़ौतरी की खबर को आज परिवहन मंत्री के हवाले से प्रकाशित किया है। इस समाचार पत्र के मुताबिक पिछले कल हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने किराये में बढ़ौतरी को स्वीकृति प्रदान की है। सूबे में कोरोना से उपजे हालातों के कारण निजी बस आपरेटर किराए में 50 फीसदी की बढ़ौतरी की मांग कर रहे हैं। वहीं एचआरटीसी प्रबंधन(HRTC) भी किराये में इजाफे के पक्ष में है। इससे पहले राज्य सरकार ने सितंबर 2018 में किराए में 20 से 24 फीसदी की बढ़ौतरी की थी।
कुल मिलाकर अगर मंत्री जी की बात मान ली जाए कि अनौपचारिक बातचीत थी तो सवाल यह उठता है कि भीतर की बातचीत बाहर मीडिया तक कैसे पहुंच जाती है। लिहाजा, काफी हद तक यह स्पष्ट हो रहा है कि चारों तरफ से आलोचनाओं में घिरने के बाद एक बार फिर जयराम सरकार(Jairam government) यू-टर्न लेकर बैकफुट पर आ चुकी है। आपको बता दे कि सरकार ने आयकर दाताओं(Income tax payer) की राशन सब्सिडी(Subsidy) को एक साल तक न देने का फैसला काफी पहले लिया था। इसकी भी जमकर आलोचनाएं हुई तो किरकिरी का सामना करना पड़ा। अब नतीजा यह है कि सरकार अपने इस फैसले को भी लागू नहीं कर पाई है। सोशल मीडिया के यूजर्स(social media users) ने किराया बढ़ोतरी को लेकर सरकार की जमकर खिंचाई की। इसी का असर हुआ कि मंत्री जी ने आज एक दिन के भीतर ही सफाई दे दी।
उधर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर(kuldeep Singh Rathore) का आरोप है कि भाजपा सरकार शगुफे छोड़ने में काफी माहिर हो चुकी है। उनका कहना है कि पहले फैसला लिया जाता है। जनता के विरोध पर इसे बदलने की कोशिश की जाती है। इसी बीच जनवादी नौजवान सभा के राज्य सचिव चंदकांत वर्मा(Chander kant Verma) ने कहा कि महामारी के चलते आम लोग अपना रोजगार गंवा चुके हैं। वहीं राज्य सरकार बसों में किराया बढ़ाने में लगी हुई है।