शिमला : कोरोना लॉकडाउन के कारण सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के बिजली प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है। हिमाचल के अलावा नेपाल, उत्तराखंड, बिहार में एक माह तक निर्माण कार्य बंद रहा तथा अब भी फुल स्विंग से काम शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि इस दौरान निगम के बिजली उत्पादन में कोई असर नहीं पड़ा है। वितीय वर्ष 2019-20 में निगम ने 1651 करोड़ रूपए का लाभ अर्जित किया है।
एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने बुधवार को सौहार्द 2.0 कार्यक्रम के अवसर पर शिमला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 में निगम ने 9678 मिलियन युनिट बिजली का उत्पादन किया है। जो कि पिछले साल से 15 फीसदी अधिक है। निगम वर्तमान में 2015 मैगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है तथा 5500 मैगावाट के प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है।
वर्ष 2023-24 तक निगम का 5000 मैगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इसी तरह वर्ष 2030 तक 12000 मैगावाट तथा 2040 तक 25000 मैगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि अरूणाचल प्रदेश में बिजली उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं तथा निगम ने अरूणाचल प्रदेश की सरकार से एक नदी घाटी में सभी प्रोजेक्ट देने का प्रस्ताव रखा है।
नंद लाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन सीएसआर के तहत हर साल 40 करोड़ रूपए व्यय करता है। उन्होंने कहा कि वह शिमला शहर के कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने पर विचार कर रहे हैं। कोरोना योद्धाओं को एसजेवीएन के अधिकारियों व कर्मचारियों के योगदान से सम्मानित किया जाएगा।
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