शिमला : हिमाचल सरकार ने अनलाक के दूसरे चरण में लोगों की सहूलियत के लिए 100 फीसदी सवारियों के साथ बसें चलाने की अनुमति दे दी है। हालांकि सीटें भर जाने पर बसों में खड़े होकर सफर करना मान्य नहीं होगा। सरकार के इस फैसले से तीन माह से खड़ी निजी बसों के दौड़ने से परिवहन सेवाओं के पटरी पर लौटने की उम्मीद है। इससे पहले अनलाक के पहले चरण में सरकार ने 60 फीसदी क्षमता के साथ बसों को चलाने का निर्णय लिया था। लेकिन निजी बस आपरेटरों ने घाटे का हवाला देते हुए सरकार के फरमान को मानने से इंकार कर दिया तथा अढाई हजार बसों के पहिए थम जाने से परिवहन व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई थी। सूबे में परिवहन का सारा दारोमदार एचआरटीसी ही संभाल रहा था।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि सरकार ने बसों की 60 फीसदी क्षमता की शर्त को हटा दिया है और अब बसें 100 प्रतिशत सवारियों के साथ दौड़ेंगीं। जयराम ठाकुर ने कहा कि बसों में सभी सीटें भर जाने पर खड़े होकर सफर करने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में ट्रांसपोर्टरों को भारी घाटा हुआ है। अनलाक वन में सोशल डिस्टैंसिंग के तहत 60 फीसदी क्षमता के साथ एचआरटीसी की बसें चलाई गईं। लेकिन इससे काफी घाटा हो रहा था। निजी बस आपरेटर घाटे को वहन नहीं कर पा रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीजल के दाम बढ़ने से कई राज्यों ने किराए में इजाफा किया है। एचआरटीसी और ट्रांसपोर्टरों की तरफ से भी किराया बढ़ौतरी का प्रस्ताव सरकार के समक्ष आया है। जिस पर आगामी दिनों में मंथन किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक सरकार ने किराया बढ़ाने का कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में ट्रांसपोर्ट सेक्टर अहम भूमिका निभाता है। कोरोना के इस दौर में ट्रांसपोर्टरों को आ रही दिक्कतों को देखते हुए ट्रांसपोर्ट सिस्टम को ओटोमेशन की तरफ ले जाने की जरूरत है।
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