पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज): मौसम में ठण्डक घुलते ही पांवटा क्षेत्र का मिजाज विदेशी महमानों की कलरव से गुलजार हो उठा है। पांवटा शहर से महज तीन किलो मीटर दूर उत्तराखंड के वेटलैंड, आसन बैराज में भारी संख्या में विदेशी पक्षी जुटने शुरु हो गये हैं। यहां बड़ी संख्या में सुर्खाव व पिनटेल्स ने डेरा डाल लिया है। सर्दियां बढ़ने के साथ ही यहां लगभग 70 से 80 प्रजातियों के हजारों पक्षी जलक्रीड़ा करते देखे जाएंगे। आने वाले दिनों में यह विदेशी मेहमान पांवटा के पास यमुना नदी में भी लोगों को नजर आयेंगे। हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब से लगते उत्तराखंड के आसन बैराज में दिनों दिन बढती प्रवासी पक्षियों आमद पक्षी प्रमियों के लिए कोतुहल का विषय बना हुआ है।
प्रदेश के चकराता वन प्रभाग ने विदेशी मेहमानों की आवभगत और सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम भी किए हैं। इस बार पिछले सीजन से अधिक पक्षियों के आने की उम्मीद में प्रकृति प्रेमी भी उत्साहित हैं। इस बार शेलडक, पिनटेल्स, रूडी, यूरेशियन, शावलर, रेड ग्रेस्टर, पोचार्ड, डक, टफ्ड, स्पाट बिल, मोरगेन, टील, डकएकामन व पांड आदि पक्षी पंहुचने शुरू हुए हैं। विभाग के मुताबिक अभी तक करीब एक दर्जन प्रजातियों के विदेशी पक्षी यहां पंहुच चुके है। सर्दियां बढ़ने के साथ ही इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है।
यह पक्षी हिमाच्छादित पोलीआर्टिक, यूरोप, मध्य एशिया व साईबेरिया आदि ऐसे क्षेत्रों से आ कर शरण पाते हैं जहां सर्दियों के मौसम में झीलें और समुद्र जम जाते हैं। आसन झील की पटेरा नामक घास इनके आवास और प्रजनन के लिहाज से भी अनुकूल है। इसके अलावा विदेशी परिंदो की पसंद का हर भोजन इस झील में मौजूद है। झील के आसपास का जंगल और यहां के पक्षियों का दोस्ताना व्यवहार भी इन्हें खूब भाता है। यही कारण है कि हर साल बड़ी संख्या में यह पक्षी आसन झील का रूख करते हैं।
दिसम्बर से जनवरी तक इन पक्षियों का आगमन चलता रहता है और मार्च माह मे ये वापिस अपने देशों का रुख करते है। उधर इस बारे चकराता वन प्रभाग के आरओ ने बताया कि विदेशी पक्षियों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये गये है। दिन रात विभाग के कर्मी पहरा दे रहे है ताकि कोई इन्हे नुकसान न पंहुचा पाये। अभी तक करीब एक दर्जन प्रजातियों के विदेशी पक्षी मेहमानो ने झील के आसपास डेरा डाल दिया है। इनका आगमन जारी है।