मंडी : हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर कितनी चौकसी है, इसकी पोल एक 68 वर्षीय बुजुर्ग ने खोलकर रख दी है। घटना 30 अप्रैल की है और इसकी जानकारी आज मिली है। 68 वर्षीय मेहर सिंह मोहाली से पंडोह अपनी नीजि गाड़ी को खुद चलाकर ले आये और रास्ते में इन्हें किसी ने नहीं पूछा। खुद मेहर सिंह ने माना कि रास्ते में किसी ने न तो कर्फ्यू पास मांगा और न ही अन्य दस्तावेज। हिमाचल की सीमा में प्रवेश करने से पहले बाकायदा मेडिकल तक करवा दिया,मगर प्रवेश की अनुमति के बारे में कोई जांच पड़ताल नहीं हुई। मेहर सिंह का तर्क है कि वह अपनी बची हुई सैलरी लेने यहां आया है।
मेहर सिंह बीबीएमबी पंडोह में बतौर एसडीओ कार्यरत थे। यहां जिस सरकारी क्वार्टर में रहते थे उसका ताला तोड़कर वहीं पर रात बिताई । मेहर सिंह अपने साथ रहने और खाने का सामान भी लेकर आया है। आज सुबह जब बीबीएमबी प्रबंधन को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। बीबीएमबी के एक्सईएन ई. राजेश हांडा ने बताया कि जेई के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद पुलिस को कार्रवाही के लिए सूचित कर दिया गया है।
वहीं पंडोह पुलिस चौकी से हैड कांस्टेबल भानु प्रताप अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की सारी जांच पड़ताल की। उन्होंने बताया कि व्यक्ति बगैर पास के आया है और क्वाटर का ताला तोड़कर यहां रह रहा है। इन्हें वापिस भिजवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और नियमानुसार कार्रवाई अम्ल में लाई जा रही है।
अब सवाल यह उठता है कि हिमाचल प्रदेश की सीमा से लेकर पंडोह तक पुलिस के दर्जनों नाके हैं। ऐसे में क्या बाहर से आने वाले वाहनों को इतनी लापरवाही के साथ यहां आने दिया जा रहा है। यदि बुजुर्ग द्वारा कही जा रही बात सत्य है तो यह प्रदेश के लिए किसी बड़े खतरे की घंटी से कम नहीं। राज्य सरकार को सोचना होगा कि सख्ती दिखावे के लिए की जा रही है या फिर बचाव के लिए।