मंडी : हिमाचल देव भूमि है और शिवरात्रि महोत्सव को देव समागम कहा जाता है। देव समाज में देवताओं के वाद्य यंत्रों का एक अलग ही स्थान है। बिना वाद्ययंत्रों के देवता के कोई भी कारज शुरू नहीं होते हैं। इसी के चलते इस परंपरा को आगे भी कायम रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंडी के शिवरात्रि महोत्सव में बजंतरियों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, जिसमें जिला भर के देवी-देवताओं के बजंतरी अपने देवता के पारंपरिक वाद्ययंत्रों को बजाते हैं। इसके साथ ही यहां पर देवलु नाटी का आयोजन भी किया गया है।
सर्व देवता समिति के प्रधान शिवपाल शर्मा ने इस दौरान जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले समय में बजंतरियों को राज्य स्तर पर मंच प्रदान करने की दिशा में प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में सर्व देवता समिति को भाषा एवं संस्कृति विभाग से संदेश प्राप्त हो चुका है। मंडी शिवरात्रि में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बजंतरियों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर वाद्य यंत्रों को बजाने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वाद्य यंत्रों के बिना देव समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है।
वाद्ययंत्रों की परंपरा को जीवंत रखने के लिए प्रशासन व सरकार के द्वारा भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए इन्होंने सरकार का आभार भी व्यक्त किया है। मंडी शिवरात्रि महोत्सव में आयोजित बजंतरी प्रतियोगिता में जिला भर से 123 बजंतरी भाग ले रहे हैं। इसके साथ ही यहां पर देवलु नाटी का आयोजन भी किया गया है। जिसमें की 23 टीमें भाग ले रही है। प्रतियोगिताओं के फाइनल मुकाबले 27 फरवरी को मंडी में कालेज परिसर में कला मंच पर आयोजित किए जाएंगें।
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