कुल्लू : बंजार घाटी के दुर्गम गांव नाहीं में स्वास्थ्य सुविधाएं न होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव की एक महिला को प्रसव करवाने के लिए लोगों को पालकी में उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ रहा है। खतरनाक पगडंडी वाले रास्ते में लोगाें को प्रसूता महिला को लाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है।
जानकारी के अनुसार नाहीं गांव की लाेसरी देवी पत्नी रोशन लाल को जब प्रसव पीड़ा हुई तो गांव तक सड़क न होने के कारण और क्षेत्र में स्वास्थ्य संस्थान न होने से लोगों को उसे पालगी में उठाकर करीब 3 किलोमीटर पगडंगी होकर लाना पड़ा है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि नाहीं लाकचा आदि गांवों के लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की माने तो आजकल बर्फबारी के दौरान सारे पहाड़ी रास्ते फिसलन भरे और खतरनाक हो जाते है। कई जगह पर तो लोगों चलने में काफी दिक्कत होती है। सभी पहाड़ी रास्ते कच्चे बने हुए हैं और खतरनाक स्थानों पर कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं है।
यहां के लोगों ने जनमंच के दौरान भी शासन प्रशासन के सामने अपनी समस्याओं को रखा था, लेकिन अभी तक किसी भी समस्या का समाधान होता नहीं दिख रहा है। नाहीं गांव के निवासी लोभू राम, लाल सिंह, वार्ड पंच शालिनी देवी, दुनी चन्द, दलीप, मोहर सिंह, नरेश कुमार, पिन्टू राम, डाबे राम, कर्म सिंह, किशोरी लाल, खेम चन्द, दिवान चन्द, राजेश कैथ, सुरेश, तारा चन्द व नवल किशोर आदि का कहना है कि क्षेत्र के लोगों के साथ हमेशा धोखा हुआ है।
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